जी 20 से वैश्विक
अर्थव्यस्था सुधरेगी: सिंह
(ज्योत्सना)
लॉस काबोस (साई)।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विश्व में गहरे आर्थिक संकट पर गंभीर चिंता व्यक्त
करते हुए उम्मीद जाहिर की है कि जी-२० शिखर सम्मेलन वैश्विक अर्थव्यवस्था को संकट
से उबारने के लिए रचनात्मक प्रस्ताव लाएगा। जी-२० शिखर सम्मेलन में भाग लेने
मैक्सिको में लॉस काबोस पहुंचने पर डॉ. सिंह संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
यूरोजोन ऋण संकट और दुनिया के विभिन्न भागों में आर्थिक वृद्धि दर कम होने के बीच
दो दिन का जी-२० शिखर सम्मेलन आज रात शुरू हो रहा है।
लॉस कोबोस के
डेजर्ट में जमा विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यस्थाओं के नेताओं को इस खबर से कुछ राहत
मिली है कि ग्रीस में बेल-आउट पैकेज समर्थक न्यू डेमोक्रेसी पार्टी राष्ट्रीय
चुनाव जीत गई है। अगर यह पार्टी हार जाती तो ग्रीस यूरो मुद्रा छोड़ने को मजबूर हो
सकता था। इससे यूरोपीय देशों और पूरे विश्व पर बहुत विपरीत असर पड़ता। आशा है कि इस
शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह और अन्य विश्व नेता यूरो जोन
समस्याओं के संकट और लड़खड़ाती वैश्विक वृद्धि दर को दुरूस्त करने के समाधान खोजने
के लिए मिलकर प्रयास करेंगे।
प्रधानमंत्री
ब्रिक्स देशों के नेताओं से मिलेंगे और सम्मेलन के एजेंडे पर चर्चा करेंगे। वे
मैक्सिको के राष्ट्रपति फिलिप कैलेड्रॉन और जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल के साथ
द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। डॉ. सिंह कनाड़ा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर, ब्रिटेन के
प्रधानमंत्री डैविड कैमरन ओर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मिलेंगे।
उधर, योजना आयोग के
उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने कहा है कि लॉस काबोस शिखर सम्मेलन में भाग ले
रहे जी-ट्वेंटी देशों के नेता प्राथमिक रूप से वैश्विक अर्थव्यस्था की वृद्धि दर
को पटरी पर लाने की कार्य योजना पर चर्चा करेंगे। श्री अहलुवालिया ने एक प्रश्न के
जवाब में कहा कि यूरो जोन में आर्थिक संकट के असर से निपटने के लिए भारतीय
अर्थव्यवस्था में पर्याप्त लचीलापन है लेकिन हाल के घटनाक्रम से देश की आर्थिक
वृद्धि पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश इस हालात से अपने आप निपट सकता है
और इसे किसी बाहरी वित्तीय सहायता की जरूरत नहीं होगी।
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