शनिवार, 25 अगस्त 2012

सीएजी को ही कटघरे में खड़ा किया सरकार ने


सीएजी को ही कटघरे में खड़ा किया सरकार ने

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। सीएजी एक बार फिर सरकार के निशाने पर आ गया है। सरकार ने कहा है कि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक ने कोयला ब्लॉकों के आवंटन में नुकसान का जो अनुमान लगाया है, वह गलत है, क्योंकि इन खानों से कोयले का खनन हुआ ही नहीं है। मीडिया संबंधित मंत्री समूह के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि नुकसान की बात तभी उठती है, जब कोयला निकाला गया हो और उसे किसी मूल्य पर बेचा गया हो।
संसद की कार्यवाही चलने देने के लिए विपक्ष से अपील करते हुए श्री चिदम्बरम ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी संसद को चलने नहीं दे रही है और ना ही किसी मुद्दे पर चर्चा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कोयला ब्लॉक आवंटन पर सी ए जी रिपोर्ट के संदर्भ में संसद में बयान देने को तैयार हैं।
चिदम्बर ने कहा कि वे सरकार की ओर से एक बार फिर विपक्ष से अपील करते हैं कि सोमवार को जब संसद की फिर से बैठक होगी तो हमें संसद को चलने देना चाहिए। जो पहला विषय वो उठाना चाहते हैं कोयला आवंटन पर सी ए जी रिपोर्ट के संदर्भ में हम तैयार हैं। और वो उस पर तब तक बहस कर सकते हैं जब तक वो चाहें।
कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ नेता की छवि को धूमिल करने के लिए एक षड़यंत्र के तहत देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को बाधित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस तरीके से हॉउस को न चलने देना, देश के डेमोक्रेटिक प्रोसेस को रोक लेना, मैं तो मानता हूं कि यह एक साजिश है गवर्नमेंट को बदनाम करने की और देश के कुछ चंद निष्ठावान और ईमानदार नेताओं की छबि को टार्निश करने की।
ज्ञातव्य है कि कोयला खण्डों के आवंटन के मुद्दे पर कल चौथे दिन भी संसद में गतिरोध जारी रहा। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने शोर-शराबा किया और कार्यवाही नहीं चलने दी। इस कारण दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई।

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