रक्षा मंत्री पर ही
नजर रखे थे सेनाध्यक्ष!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)।
देश की तीनों सेनाओं का सुप्रीम कमान्डर होता है देश का महामहिम राष्ट्रपति, देश का रक्षा
मंत्री इन सेनाओं पर कमान्ड करता है। पिछले दिनों एक सेनाध्यक्ष ने देश के रक्षा
मंत्री पर ही अपनी फौज फाटा के माध्यम से नजर रखी थी। इस बात की भनक मिलते ही
सियासी फिजां एकाएक गर्मा गई है। संभवतः सियासी दांवपेंच से बचने के लिए सेना के
एक आला अधिकारी ने यह कवायद की गई बताई जा रही है।
सेना के सूत्रों ने
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सेना के एक आला अधिकारी ने अपनी सेवानिवृत्ति
के एन पहले सेना के डेढ़ दर्जन से ज्याद विशेष वाहनों को जम्मू काश्मीर से दिल्ली
बुला भेजा था। इन विशेष वाहनों को सेना के आला अधिकारी के आदेश पर दिल्ली के
चुनिंदा इलाकों में तैनात किया गया था।
सूत्रों ने आगे
बताया कि इन वाहनों में विशेष तरह के उपकरण लगे होते हैं। इन उपकरणों के माध्यम से
जहां इनकी पोजीशनिंग (खड़ा किया जाता है) की जाती है, वहां से लगभग तीन
किलोमीटर के दायरे के मोबाईल और लेण्ड लाईन फोन को इन वाहनों के उपकरण सतत नजर
रखकर उन्हें टेप कर सकते हैं।
सूत्रों की मानें
तो डेढ़ दर्जन से ज्यादा वाहन जम्मू काश्मीर के संवेदनशील इलाकों में तैनात की गई
थीं, जहां से
इन्हें वापस बुलाया गया है। इन वाहनों को दिल्ली में अनेक महत्वपूर्ण राजनेताओं के
घरों के इर्द गिर्द पोजीशन किया गया था। सबसे अधिक आश्चर्य की बात तो सूत्रों ने
यह बताई कि इनमें से एक वाहन रक्षा मंत्री ए.के.अंटोनी और दूसरी तत्कालीन वित्त
मंत्री प्रणव मुखर्जी के आवास के पास तैनत थीं।
सूत्र इस बात का
खुलासा नहीं कर सके कि इन वाहनों को बाकायदा आधिकारिक आदेश देकर दिल्ली लाया गया
था या फिर मौखिक आदेश के तहत! किन्तु सूत्रों ने यह अवश्य ही बताया कि सेना के
उक्त अधिकारी के सेवानिवृत होते ही नए सेना प्रमुख ने इन वाहनों को दिल्ली के
विभिन्न इलाकों से बुलाकर वापस गंतव्य की ओर रवाना कर दिया है।
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