रविवार, 21 अप्रैल 2013

चारित्रिक गुणों तथा शिक्षा का सदुपयोग समाज हित में हो - डॉ0 अज़ीज़ कुरैशी


चारित्रिक गुणों तथा शिक्षा का सदुपयोग समाज हित में हो - डॉ0 अज़ीज़ कुरैशी

(अर्जुन कुमार)

देहरादून (साई)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 अजीज कुरैशी ने आज कालेज ऑफ इंजीनियरिंग, रूडकी के 10वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन मे कहा कि यहॉ से दीक्षा प्राप्त छात्रों की शिक्षा तभी सार्थक मानी जायेगी जब वे अपने उच्च चारित्रिक गुणों तथा शिक्षा का सदुपयोग समाज के हित में करेगें।
राज्यपाल ने अपने प्रेरक संबोधन में स्वाधीनता के पश्चात दिए गये पं0 जवाहर लाल नेहरू के उस प्रथम भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि विद्याार्थियों के यह सक्षम हाथ पं0 नेहरू के भाषण में निहित भावनाओं के अनुरूप समाज के अन्तिम छोर के अन्तिम व्यक्ति के आँसू पोछने का कार्य करेगें। उन्होनें कहा कि आज भी हमारे देश के करोडों लोगो भरपेट भेाजन नही मिलता, बच्चों को स्कूली शिक्षा नही मिलती, कई लोगो के  पास सिर छिपाने के लिए घर नही है- हमारी युवा पीढी को इस स्थिति को ध्यान में रखकर कार्य करना होगा।
समाज के सबसे निर्धन, शोषित तथा कमजोर व्यक्ति के प्रति महात्मा गॉधी के विचारों और कृत्यों का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में उपस्थित विद्यार्थियों का आह्वाहन करते हुए आशा व्यक्त की कि सभी विद्यार्थी अपने कैरियर के साथ-साथ अपने उच्च चारित्रिक गुणों से समाजिक व आर्थिक शोषण समाप्त करने की दिशा में कार्य करके सुखद सामाजिक परिवर्तन लायेंगे । राज्यपाल ने चारित्रिक गुणों के विकास पर विशेष बल देते हुए सभी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की ।   
इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा संस्थान के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विशेष रूप  से सम्मानित किया गया इनमें रितेश कुमार, कनिका अग्रवाल तथा श्वेता गौड़ को सेठ रौशन लाल जैन ट्राफी देकर पुरस्कृत किया गया। इस दीक्षांत समारोह में आठ सौ विद्यार्थियों को ड्रिग्रियां दी गई। समारोह में राज्यपाल के परिसहाय मेजर चौधरी, उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डी.एस. चौहान, संस्था के अध्यक्ष श्री के.सी. जैन सहित अनेक गणमान्य महानुभाव, अभिभावक आदि उपस्थित थे।   

कोई टिप्पणी नहीं: