सालों बाद पीसीसी
में पड़ेंगे नाथ के कदम!
(राजेश शर्मा)
भोपाल (साई)। कभी
राजा दिग्विजय सिंह के कांधे पर बंदूक रखकर प्रदेश में अपनी हुकूमत चलाने वाले
केंद्रीय मंत्री कमल नाथ सालों बाद 25 अप्रेल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के शिवाजी
नगर स्थित कार्यालय पहुंच सकते हैं। इसके पहले वे सुरेश पचौरी के अध्यक्ष रहते हुए
पिछले विधानसभा चुनावों के पूर्व यहां आए थे।
प्रदेशाध्यक्ष
कांतिलाल भूरिया के कार्यकाल में श्री नाथ 25 अप्रैल को पीसीसी पहुंचेंगे। वहीं केंद्रीय
ऊर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल की बजाय धार के मोहनखेड़ा में प्रदेश के
दिग्गजों के बीच रहेंगे। इनके अलावा राज्यसभा सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी भी लंबे
समय बाद पीसीसी पहुचेंगे। दिग्गजों और प्रदेश कांग्रेस के बीच लंबे समय से बनी यह
दूरी मिटाने का काम पार्टी के राष्टड्ढ्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी का दौरा करने जा
रहा है।
ज्ञातव्य है कि श्री
नाथ पिछली बार श्री भूरिया को कार्यभार ग्रहण कराने 15 अप्रैल 2011 को भोपाल आए थे, लेकिन उस समय भी वे
पीसीसी नहीं पहुंच सके थे। अचानक कोई काम आ जाने के कारण वे रैली बीच में छोड़कर ही
दिल्ली रवाना गए थे। इसके बाद पीसीसी और पूरे कांग्रेसजन लगभग कार्यक्रम में उनका
इंतजार करते रहे, लेकिन कभी
भी वे जबलपुर संभाग से आगे नहीं आए।
पीसीसी के उच्च
पदस्थ सूत्रों का कहना है कि लगता है जैसे उनका नाता ही छूट गया था। पिछली बार
लोकसभा चुनाव के दौरान 2009 में श्रीनाथ पीसीसी आए थे। पार्टी के कार्यक्रमों में तो
बुलाने पर भी वह शामिल नहीं हुए।
यही वजह है कि
पिछले दिनों श्री भूरिया और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने दिल्ली में भी दिग्गज
नेताओं की गैर मौजूदगी पर आवाज उठाई थी। हालांकि श्री सिंधिया ने जनचेतना रैली में
भोपाल पहुंचकर इस शिकायत को दूर कर दिया था। इसके अलावा भी दो बार वे पीसीसी पहुंच
चुके हैं। साथ ही पार्टी में एकता के लिए डबरा सम्मेलन की तर्ज पर एक सम्मेलन की
पैरवी भी उन्होंने कई बार की है। बावजूद इसके उनके दौरों और पार्टी के कार्यक्रमों
में उनकी गैर मौजूदगी को लेकर शिकायत बनी ही रही।
हालांकि श्री
सिंधिया इस बार भी भोपाल नहीं आएंगे। वे 24 अप्रैल को मोहनखेड़ा भी पहुंचेंगे। पार्टी
ने जो शेड्ड्ढयूल दिया है, उसके मुताबिक गुना संसदीय क्षेत्र को मोहनखेड़ा में रखा गया
है। वहीं राज्यसभा सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी की नाराजगी भी किसी से छुपी नहीं हैं।
सांसद बनने के बाद वे कई बार भोपाल आ चुके हैं। मगर न तो पार्टी के किसी कार्यक्रम
में हुए और न पीसीसी ही पहुंचे। इतना ही नहीं बुंदेलखंड में नेता प्रतिपक्ष अजय
सिंह की चेतना यात्रा और पार्टी के कार्यक्रमों में भी उन्होंने कभी कोई दिलचस्पी
नहीं दिखाई।
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