जिला हॉकी संघ का
अस्तित्व शून्य!
एस्ट्रोटर्फ मसले
पर होने लगी राजनीति, उपयोग के पूर्व ही टर्फ होने लगी खराब
(महेश रावलानी)
सिवनी (साई)। हॉकी
के लिए सुविख्यात सिवनी जिले में, अब हॉकी रसातल की ओर अग्रसर है। बाबा
राघवदास टूर्नामेंट जैसी प्रतियोगिताएं जिसमें दर्शकों का उत्साह देखते बनता था, इतिहास की बात हो
चुकी हैं। भाजपा सरकार ने शहर को एस्ट्रोटर्फ का एक झुनझुना पकड़ाया है।
मुख्यमंत्री के हाथों उद्घाटन की जिद में इस स्टेडियम का लोकार्पण नहीं हो पा रहा
है जिससे करोड़ों रूपयों की लागत के स्टेडियम का उपयोग स्थानीय हॉकी खिलाड़ी नहीं कर
पा रहे हैं।
वहीं, दूसरी ओर तथाकथित
जिला हॉकी संघ के अध्यक्ष का तमगा लगाकर घूमने वाले धन्नालाल गौर की पोल खेल दिवस
के दिन ही भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान मधु यादव ने एक इलेक्ट्रॉनिक
चैनल में चल रहे ‘तलाश ध्यान
की‘ कार्यक्रम
में खोलकर रख दी। धन्नालाल गौर की पोल खुल जाने के बाद अब यह तो तय हो गया है कि
धन्नालाल गौर जिला हॉकी संघ के अध्यक्ष है ही नहीं और न ही प्रदेश में ऐसी कोई
संस्था अस्तित्व में है।
असल में खेल दिवस
के दिन इलेक्ट्रॉनिक चैनल एसएमबीसी में सिवनी के एस्ट्रोटर्फ को लेकर आधा घंटे का
विशेष एपिसोड तैयार किया गया था, जिसमें स्टुडियो में अखिल भारतीय महिला टीम
की पूर्व कप्तान मधु यादव को आमंत्रित किया गया था और कार्यक्रम का नाम ‘तलाश ध्यान की‘ रखा गया था।
कार्यक्रम में सिवनी में 05 वर्ष बाद भी एस्ट्रोटर्फ का न बन पाना मुख्य मुद्दा था, जिसमें महाकौशल
विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेश दिवाकर का साक्षात्कार दिखाया गया।
इसी कार्यक्रम में
महाकौशल एक्सप्रेस के संपादक का लाईव फोनो लेते हुए यह पूछा गया था कि खेल संगठनों
ने प्रशासन के ऊपर दबाव क्यों नही बनाया? तब संपादक ने उनसे कहा कि सिवनी जिला हॉकी
संघ के अध्यक्ष धन्नालाल गौर हैं जो हॉकी की ओर ध्यान ही नहीं देते हैं, उन्होंने कभी
प्रशासन को न तो ज्ञापन सौंपने की पहल की और न ही कोई ठोस कदम उठाया, जिस पर मधु यादव ने
कहा कि सिवनी में कोई जिला हॉकी संघ अस्तित्व में ही नहीं है। उन्होंने कहा कि न
तो कोई गौर इसके अध्यक्ष हैं और न ही उनकी संस्था को मान्यता है।
टीव्ही में चल रहे
सीधे प्रसारण में मधु यादव द्वारा यह कहा जाना आश्चर्यजनक इसलिए है, क्योंकि अभी तक
धन्नालाल गौर ने अपनी तरफ से कभी यह बताने का प्रयास नहीं किया कि उनका संघ
अस्तित्व में है ही नहीं और उन्हें कोई मान्यता नहीं है। कुल मिलाकर धन्नालाल गौर
एक पद के लिए हॉकी खिलाड़ियों और हॉकी प्रेमी दर्शकों के साथ धोखा करते रहे, तभी तो जब से
धन्नालाल अध्यक्ष बने तब से आज तक एक-दो स्थानीय प्रतियोगिताओं को छोड़ दिया जाए तो
आज तक उन्होंने कोई बड़ी प्रतियोगिता आयोजित ही नहीं करवाई है।
ऐसे में जो लोग
धन्नालाल को खेल के प्रति समर्पित मानते हैं, वह उनसे यह पूछने की जहमत अवश्य उठायें कि
आखिर श्री गौर ने आज तक हॉकी खिलाड़ियों, दर्शकों और क्लबों के लोगों को धोखे में
क्यों रखा? क्यों
उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि जिला हॉकी संघ अस्तित्व में है ही नही? क्यों वह अपने नाम
के आगे अध्यक्ष जिला हॉकी संघ का तमगा लगाकर घूमते रहे?