किसानों को आहत कर गया मुनमुन का
कार्यक्रम: राजेश मिश्र
सिवनी (साई)। लखनादौन में फिल्मी
सिमारों का रंगारंग कार्यक्रम दुःखी किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा काम है।
अतिवृष्टि से बर्बाद खरीफ फसलों के कारण चिंतित किसानों को सहयोग देने के बजाय
मुनमुन भैया किसानों को फिल्मी फूहड़ डांस दिखाकर धन एश्वर्य की चकाचौंध दिखा रहे
हैं।
किसान खेत मजदूर कांग्रेस जिला प्रवक्ता
राजेश मिश्रा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आदिवासी किसान
मजदूरों के इस संकट और गिरानी के समय में आदिवासी तहसील मुख्यालय लखनादौन में नगर
परिषद् अध्यक्ष के नाम विगत दिवस पर आयोजित फिल्मी सितारों नृत्यांगनाओं का भौंडा
प्रदर्शन धन और एश्वर्य प्रदर्शन की दंभोली के साथ ही निराश किसानों के जख्मों पर
नमक छिड़कने जैसा काम है।
देवी फिरे विपत की मारी पड़ा कहे मोहे
कला दिखा की लोकोक्ति को चरित्रार्थ करते हुए किसानों के दुःख दर्द के प्रति
संवेदना शून्य तथा कथित समाज सेवक, स्वयंभू निर्दलीय नेता दिनेश राय मुनमुन
द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम, लाखों रूपयों को पानी की तरह बहा कर
आयोजित किया गया। यह रंगारंग कार्यक्रम जनता का मनोरंजन करने के बजाय दुःखी किसानों
को गहरे तक आहत कर गया है।
राजेश मिश्रा ने कहा कि सर्वविदित तथ्य
है कि दिनेश राय मुनमुन लखनादौन नगर परिषद् की वर्तमान अध्यक्ष के सुपुत्र हैं। वे
पूर्व में स्वयं नगर परिषद् अध्यक्ष रह चुके हैं। आरक्षण में यह सीट महिला कोटे
में चले जाने पर उन्होंने अपनी माताजी के नाम पर परोक्ष रूप से स्वयं यह चुनाव
जीता है। जीत का आधार धन, बल और बाहुबल ही रहा है। यह किसी के लिए छुपा हुआ तथ्य नहीं है।
इसी आधार पर दिनेश राय मुनमुन ने पिछले
विधानसभा चुनाव में सिवनी से विधान सभा का चुनाव लड़ा था, किंतु क्षेत्र के जागरूक मतदाताओं ने
वास्तविकता को समझ कर उन्हें नहीं जिताया अब पुनः आने वाले चुनाव में वे विधानसभा
के प्रत्याशी बनने का अपना मंसूबा पाल बैठे हैं, और इसी उद्देश्य से अर्जित अकूत धन
संपदा की चकाचौंध गरीबों को दिखाकर वोट खरीदने, पानी की तरह पैसा दोनों हाथों से लुटा
रहे हैं।
यह ज्यादा अच्छा होता कि मुनमुन राय
किसान मजदूरों के गिरानी के इस दौर में भौंडा नाच दिखाने की बजाय किसानों के हित
में कोई रचनात्मक सहयोग के काम में धन का सदुपयोग करते किंतु टहेलुए को टहलन सोहे
बहेलिये को बहलन सोहे की कहावत के अनुरूप मुनमुन अपनी ढपली अपना राग अलाप रहे हैं।
क्षेत्र की जनता चुनाव की पूर्व बेला में अपने होनहार धनाड्य नेता के एक काम को
विवेक और तर्क की कसौटी पर परख रही है।
किसान कांग्रेस प्रवक्ता राजेश मिश्रा
ने कहा कि राजनीति जनसेवा का क्षेत्र है। धनबल के आधार पर वोट खरीदने वाले ही यदि
सफल होते तो बिना जनसेवा और जनाधार के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पद पर बैठे
दिखते।
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