0 क्यों दिया प्रतीक मेहतो ने त्यागपत्र!
त्यागपत्र ‘स्वैच्छिक‘ या ‘दबाव के चलते‘!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। जिला पंचायत कार्यालय
में बी.आर.जी.एफ. योजना में पदस्थ सहायक परियोजना अधिकारी प्रतीक मेहतो के
स्वैच्छिक त्यागपत्र को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्मा गया है। कोई प्रतीक मेहतो के
द्वारा वित्त्ीय अनियमितता की बात कह रहा है तो कोई जिला पंचायत को बदनामी से
बचाने के लिए इसे मांगा गया बता रहा है।
ज्ञातव्य है कि जिला पंचायत के
मीडिया अधिकारी राहुल सक्सेना द्वारा जारी पत्र विज्ञप्ति में कहा गया है कि
प्रतीक मेहतो के द्वारा स्वेच्छा से संविदा सेवा से त्याग पत्र देने के उपरांत दस
अप्रैल के पूर्वान्ह से संविदा सेवा समाप्त की जाकर कार्यमुक्त कर दिया गया है।
प्रतीक मेहतो, सहा.परि.अधिकारी, (संविदा) बी.आर.जी.एफ. जिला पंचायत सिवनी का प्रभार ओमेगा पाल
इफ्राईम,
परियोजना अधिकारी, जिला पंचायत को सौंपा गया है।
कहा जा रहा है कि बीआरजीएफ योजना के
अंतर्गत एपीओ के पद पर प्रतीक मेहतो लगभग तीन सालों से पदस्थ थे। प्रतीक मेहतो पर
अनेंक गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप भी बताए जा रहे हैं। जिला पंचायत के
सूत्रों का दावा है कि जब वित्तीय अनियमितताएं सीईओ श्रीमति प्रियंका दास के
संज्ञान में आईं तो उन्होंने प्रतीक मेहतो को ताकीद किया।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया
को बताया कि प्रतीक मेहतो द्वारा स्वेच्छा से नौकरी नहीं छोड़ी गई है। उनसे बलात ही
‘स्वैच्छिक‘ त्यागपत्र लिया
गया है। सूत्रों ने आगे बताया कि जब मामला सिर के ऊपर पहुंचा तब प्रतीक मेहतो को
जिला पंचायत के आला अधिकारियों ने बुला भेजा।
सूत्रों की मानें तो जिला पंचायत में
इस तरह की गंभीर वित्तीय अनियमितताएं और भ्रष्टाचार की खबरों पर एक एपीओ को
निलंबित किए जाने से अच्छा संदेश नहीं जाएगा। इसी बात के मद्देनजर प्रतीक मेहतो से
स्वैच्छिक त्यागपत्र लिखवाया गया है। इस मामले में अनेक अनछुए पहलुओं का भी खुलासा
होने की उम्मीद की जा रही है।
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