डिजिटल हस्ताक्षर में बरतें सावधानी, हो सकता है दुरुपयोग
(राजेश शर्मा)
भोपाल (साई)। लोगों को डिजिटल
हस्ताक्षर के उपयोग में सतर्कता बरतने चाहिए। दरअसल, अब बैंक कर्मी से लेकर पटवारी स्तर तक डिजिटल हस्ताक्षर को
प्रयोग हो रहा है। यदि कोई डिजिटल हस्ताक्षर में छेड़छाड़ कर दे तो किसी की भी जमीन
के मालिकाना हक में बदलाव हो सकता है। लिहाजा इसके लिए सुरक्षा नीति बनाने की
जरूरत है।
मप्र शासन के सूचना प्रौद्योगिकी
आयुक्त हरिरंजन राव ने रविवार को यह जानकारी दी। वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय
पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में साइबर सुरक्षा विषय पर आयोजित दो दिवसीय
कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि लोग एप डाउनलोड करने से पहले सावधानियां
बरतें। एंटी वायरस, मालवेयर आदि के
प्रयोग से अपने कंप्यूटर और मोबाइल को सुरक्षित बनाने के लिए कहा।
अध्यक्षीय उद्बोधन में यूनिवर्सिटी
के कुलपति प्रोफेसर बीके कुठियाला ने कहा कि इंटरनेट के जनक टिम वर्नस ली ने लोगों
को मुफ्त में इंटरनेट मुहैया कराया। इसके लिए पेटेंट तक नहीं किया गया। इसी कारण
लोगों को इंटरनेट तो मुफ्त में मिल जाता है, लेकिन अब साइबर
अपराध के कारण उसकी सुरक्षा महंगी पड़ती है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने चरखे
के प्रयोग से आम आदमी को जोड़ा था और अब यह काम इंटरनेट कर रहा है।
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