एक आईडिया जो बदल दे आपकी दुनिया . . . 26
नेटवर्क कंजेशन आम है आईडिया में
काल न लगने पर मोबाईल घूरने का आईडिया
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। आदित्य बिरला के स्वामित्व वाली आईडिया सेल्यूलर के उपभोक्ताओं को नेटवर्क न मिलने या व्यस्त होने की समस्या से अक्सर दो चार होना पड़ता रहा है। बार बार शिकायतें मिलने के बाद भी आईडिया ने अपने नेटवर्क की क्वालिटी में सुधार नहीं किया है। भले ही आईडिया बेहतर नेटवर्क और साफ आवाज का दावा करता हो, पर हकीकत इससे कहीं अलग है।
आईडिया के एक भुक्तभोगी उपभोक्ता का कहना है कि उसने आईडिया का 7.2 एमबीपीएस का नेट सेटर खरीदा। इस नेटसेटर के डेमो के वक्त उसे अच्छी खासी स्पीड मिल रही थी। जैसे ही वह घर गया और उसे लगाया तो नेट सेटर लगने पर उसके कंपयूटर में नेट घिसट घिसट कर चलने लगा। उपभोक्ता का कहना था कि उसने सोचा उस वक्त शायद कनेक्टिविटी कम हो बाद में ठीक हो जाएगा।
जब एक सप्ताह तक लगातार उस उपभोक्ता को वही स्पीड मिली तब उसने इसकी शिकायत करना चाहा तो आईडिया के हर रिटेलर और आईडिया प्वाईंट पर उसे दुत्कार ही मिली। लुटा पिटा उपभोक्ता इसके बाद आईडिया में अपने संपर्कों के माध्यम से कुछ आगे बढ़ा तो आईडिया के कारिंदों ने नए आईडिया के साथ उसे यह कह दिया कि उसका घर शैडो झोन में है इसलिए वहां सिग्नल अच्छे मिलना संभव नहीं है।
(क्रमशः जारी)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें