लोकपाल पर बोले प्रकाश करात
(के.मिथलेश)
कानपुर (साई)। केंद्र के लोकपाल बिल से वाम दल इत्तेफाक नहीं रख रहे हैं। केन्द्र की यूपीए सरकार द्वारा संसद में पेश किये लोकपाल विधेयक में तमाम खामियां गिनाते हुये सीपीएम के महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि हम इस विधेयक में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव चाहते हैं जैसे लोकपाल और उसकी कमिटी की नियुक्ति प्रक्रिया में सरकारी नुमाइंदे बहुत ज्यादा हैं उन्हें कम किया जाए, लोकपाल को जांच के लिये एक अलग से निष्पक्ष जांच एजेंसी दी जाए, लोकपाल को हटाने का अधिकार राष्ट्रपति के बजाए सुप्रीम कोर्ट को होना चाहिए।
करात सीपीएम के बीसवें राज्य सम्मेलन में भाग लेने कानपुर आए थे। बिरहाना रोड स्थित राजस्थान गेस्ट हाऊस में सम्मेलन के उद्घाटन के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार को तो छोड़िए टीम अन्ना और उससे जुड़े लोगों को भी उन पूंजीपतियों का कोई ख्याल नहीं रहा जो भ्रष्टाचार का लाभ उठाते हैं जैसे अभी टू जी घोटाले में पूर्व मंत्री ए राजा ने जो स्पेक्ट्रम कंपनियों को बांटे थे, वह कंपनियां अभी भी उसका लाभ उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने जो लोकपाल विधेयक कल संसद में जल्दबाजी में पेश किया है उसमें काफी कमियां है जिन पर हमारी पार्टी को आपत्ति है।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले लोकपाल की नियुक्ति के लिए जो प्रक्रिया अपनाए जाने की बात कही गई है उसमें सरकारी प्रतिनिधियों की संख्या बहुत अधिक है, इसका दायरा और बढ़ाना होगा तथा इसमें अधिक से अधिक स्वतंत्र लोगों को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा लोकपाल के पास जो शिकायतें आती हैं, उनकी जांच के लिये लोकपाल के पास खुद की जांच एजेंसी नहीं है।
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