अंतिम दिन तीन सौ से ज्यादा नामांकन
(दिशा कुमारी)
देहरादून (साई)। राज्य विधानसभा की सत्तर सीटों के लिए नामांकन पत्र जमा करने के अंतिम दिन ताजा सूचना के अनुसार तीन सौ से अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र जमा किए हैं। अब तक मिली सूचना के अनुसार इनमें सर्वाधिक देहरादून जिले में करीब छिहत्तर नामांकन पत्र जमा किए गए हैं। जबकि, हरिद्वार में पचास उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए हैं। उधर, ऊधमसिंह नगर मंे उनचास, टिहरी में तेरह, रुद्रप्रयाग में ग्यारह, उत्तरकाषी में छह और चमोली में सोलह प्रत्याषियों ने नामांकन किए हैं।
इसके अलावा पौड़ी जिले में छब्बीस नामांकन हुए हैं। कुमाऊं मण्डल के अल्मोड़ा में सात, बागेष्व में पांच, पिथौरागढ़ में दस, चम्पावत में दो और नैनीताल में पच्चीस उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए हैं। प्राप्त सूचना करने के अनुसार राज्य के विभिन्न हिस्सों में नामांकन को लेकर हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में विषेष उत्साह रहा। पर्चा दाखिल करने वालों में ज्यादा संख्या निर्दलीय उम्मीदवारों की रही।
प्रदेष में नामांकन प्रक्रिया पिछली पांच तारीख को शुरु हुई थी, जो गुरूवार अपराह्न खत्म हो गई। राज्य में कल नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी, जबकि नामांकन वापसी इस महीने की सोलह तारीख तक होगी। राज्य में सत्तर विधानसभा सीटों के लिए मतदान इस महीने की तीस तारीख को होंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा है कि विधान सभा के सभी उम्मीदवारों को उनके नामांकन की तारीख से निर्वाचन के परिणाम की घोषणा के बीच उनके या उनके अधिकृत निर्वाचन एजेंट द्वारा किये गये सभी व्ययों का पृथक और सही खाता रखना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि प्रत्याशियों के लिए चुनाव व्यय की राशि ग्यारह लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लेखे के अनुरक्षण में असफलता भारतीय दण्ड संहिता के अधीन एक निर्वाचक अपराध माना गया है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को निर्वाचनों के परिणाम घोषित होने के तीस दिन के अंदर जिला निर्वाचन अधिकारी के पास अपने निर्वाचन व्ययों के लेखे की सही प्रतिलिपि दाखिल करनी होती है। उन्होंने बताया कि व्यय के अंतर्गत जन सभाओं, पोस्टरों, बैनरों, वाहनों, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों जैसे प्रचार संबंधी मदों पर व्यय शामिल है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नकद धनराशि, शराब या अन्य किसी वस्तु का वितण करना भ्रष्ट आचरण के अधीन है।
सरकारी मशीनरी अपना काम कर रही है तो राजनैतिक दलों के बीच भी आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला चल पड़ा है। भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त और विकास के लिए उनकी पार्टी की सरकार ने कई सकरात्मक कदम उठाए हैं। पार्टी के नेता महेष्वर बहुगुणा ने देहरादून में बताया कि विकास की दृष्टि से उनकी पार्टी की सरकर ने वन रक्षित भूमि कानून को समाप्त करने की पहल की है।
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