शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

क्या पीसीसी उठाएगी सिंधिया नाथ के खिलाफ कदम!


क्या पीसीसी उठाएगी सिंधिया नाथ के खिलाफ कदम!

नहीं रहे जेल भरो आंदोलन में सशरीर उपस्थित



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस के 9 जनवरी को आहूत जेल भरो आंदोलन के बाद अब उन कांग्रेसियों पर गाज गिरने वाली है जो इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुए, या जिन्होंने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। मध्य प्रदेश के कांग्रेसी सांसदों ने भी कांतिलाल भूरिया और प्रदेश कांग्रेस के इस आव्हान पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा है। यही कारण है कि मध्य प्रदेश के एक दर्जन सांसदों में से बमुश्किल चार सांसदों ने ही जेल भरो आंदोलन में अपनी दिलचस्पी दिखाई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश कोटे से केंद्र में मंत्री कमल नाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण यादव भी पार्टी के इस अभियान से दूर रहे। इतना ही नहीं टीम राहुल की सदस्य और मंदसौर सांसद मीनाक्षी नटराजन ने भी इस आंदोलन से अपने आप को दूर ही रखा। इस आंदोलन में जिनकी सक्रिय भूमिका नहीं रही है उन पर गाज गिरने की खबरें लगातार मीडिया की सुर्खी बनती रहीं हैं। अब जब केंद्रीय मंत्रियों ने ही मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के इस आव्हान को धता बताई है तब क्या केंद्रीय नेतृत्व नाथ और सिंधिया के खिलाफ कार्यवाही करने का साहस जुटा पाएगा?
इस आंदोलन में देवास सांसद सज्जन सिंह वर्मा, होशंगाबाद सांसद उदय प्रताप सिंह, शहडोल की राजेश नंदनी सिंह, उज्जैन के प्रेम चंद गुड्डू के अलावा मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और रतलाम सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति लाल भूरिया ने अपने आप को इस आंदोलन में झोंका। धार के सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, मण्डला के सांसद बसोरी सिंह मसराम, कांग्रेस के महासचिव और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के क्षेत्र में राजगढ़ के सांसद नारायण सिंह ने अपने आप को इस आंदोलन से प्रथक ही रखा।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय 24 अकबर रोड़ में चल रही चर्चाओं के अनुसार भले ही कांग्रेस 2013 में दस साल सत्ता के बाहर रहने के बाद अब पुनः मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रही हो, किन्तु केंद्रीय मंत्रियों सहित पार्टी के सांसदों ने पार्टी की हर गतिविधि से मुंह मोड़कर रखा हुआ है जो चिंता का विषय ही माना जा रहा है।
उधर संवैधानिक पद पर रहते हुए भी मध्य प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर द्वारा पार्टी के इस अभियान में खुद को तबियत से झोंके जाने की सर्वत्र प्रशंसा ही की जा रही है। हरवंश सिंह ने भले ही खुद गिरफ्तारी न दी हो पर उनके द्वारा अनशन स्थल पर आयोजित सभा में भाषण देकर कांग्रेसियों मे जोश का संचार किया।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि मध्य प्रदेश में इस कदर गुटबाजी पसरी हुई है कि वहां आने वाले दस साल और कांग्रेस को सत्ता से बाहर रहना होगा, इसका प्रमुख कारण पार्टी के सांसदों का दिल्ली प्रेम है। पार्टी के सांसदों का दिल दिल्ली में इस कदर लग चुका है कि वे अब अपने सूबे की कांग्रेस कमेटी को भूल ही चुके हैं। रही बात मंत्रियों की तो मंत्री भी दिल्ली में इस कदर मगन हो चुके हैं कि उन्हें भी सूबाई कांग्रेस की कोई सुध नहीं है।

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