सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

युवराज के लिए सजाया जाने लगा है पीएमओ


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 85

युवराज के लिए सजाया जाने लगा है पीएमओ

इकबाल बुलंद हो गया है पुलक चटर्जी का

चटर्जी की इज़ाज़त के बिना नहीं हिल रहा पीएमओ में पत्ता



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। भारत गणराज्य के सबसे ताकतवर संवैधानिक पद पर कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की ताजपोशी की तारीख अब करीब ही आने लगी है। सोनिया गांधी ने अपने सबसे विश्वस्त पुलक चटर्जी को मनमोहन सिंह का प्रधान सचिव बनाकर इस बात के संकेत पहले ही दे दिए थे कि प्रधानमंत्री कार्यालय अब अपनी मर्जी से नहीं चल सकता। पुलक चटर्जी अब इतने ताकतवर हो गए हैं कि उनकी मंशा के बिना पीएमओ में पत्ता भी नहीं हिल पा रहा है।
पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि पिछले साल नवंबर में पुलक चटर्जी की राजीव गांधी फाउंडेशन में दो मर्तबा प्रियंका गांधी से लंबा विचार विमर्श हुआ। कैबनेट बैठकों के बारे में भी जनसूचना अधिकारी नीलम कपूर को पाबंद किया गया है कि वे हर जानकारी पुलक चटर्जी को मुहैया करवाएं।
सूत्रों ने बताया कि एक मर्तबा जब गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम अपनी बीमार मां को देखने तमिलनाडू गए थे तब सीसीईए की बैठक पर मीडिया को ब्रीफ करने के लिए नीलम ने अंबिका सोनी का नाम सुझाया तो पुलक चटर्जी की भवें तन गईं और उन्होंने अंबिका के बजाए इसके लिए सलमान खुर्शीद को आगे कर दिया।
पुलक चटर्जी का इकबाल इस कदर बुलंद है कि सुरक्षा से संबंधित एक नस्ती बिना चटर्जी के पास से गुजरे सीधे नेशनल सिक्यूरिटी एडवाईजर के पास चली गई तो चटर्जी का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। सूत्रों के अनुसार चटर्जी ने इसकी शिकायत सीधे सीधे कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी से कर दी कि पीएम उन्हें बायपास कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार सोनिया ने इस मामले में मनमोहन सिंह से अपनी तल्ख नाराजगी का इजहार किया। घबराए मनमोहन सिंह ने तत्काल समस्त एजेंसियों को ताकीद कर दिया कि कोई भी नस्ती भले ही वह कितनी भी गोपनीय या महत्वपूर्ण हो, बरास्ता पुलक चटर्जी ही आगे बढ़ेंगी। कल तक ताकतवर रहे कुट्टी नायर का कद बेहद कम हो चुका है। उन्हें एक छोटा सा कमरा दिया गया है, बैठने के लिए।
जानकारों का कहना है कि पुलक चटर्जी पीएमओ में बैठकर मनमोहन सिंह के बाद कार्यभार संभालने वाले संभावित प्रधानमंत्री राहुल सिंह के रोड़मेप तैयार कर रहे हैं। पीएमओ को राहुल गांधी के हिसाब से व्यवस्थित किया जा रहा है। पीएमओ में कारिंदे भी राहुल गांधी की तासीर के हिसाब से तैनात करने की तैयारियां की जा रही हैं। कहा जा रहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के होते ही राहुल गांधी देश की बागडोर संभाल सकते हैं

(क्रमशः जारी)

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