आरटीई से छात्रों पर कोई भार नहीं: सिब्बल
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)। निजी स्कूल शिक्षा का अधिकार लागू करते हैं तो विद्यार्थियों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा, इस तरह की अफवाहों को सरकार ने नकार दिया है। सरकार ने उन खबरों को खारिज कर दिया है कि निजी स्कूल शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने के लिए विद्यार्थियों पर इसका भार डालेंगे।
शिक्षा का अधिकार कानून में व्यवस्था है कि स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छह से १४ वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा के लिए २५ प्रतिशत सीटे दी जाएंगी। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने एक निजी टेलीविजन चैनल के साथ भेंटवार्ता में कहा कि संसाधन जुटाने के तरीके ढूंढे जाएंगे।
श्री सिब्बल ने आश्वासन दिया कि सरकार आठवीं कक्षा तक शिक्षा प्रदान करने संबंधी इस कानूनी प्रावधान की समाप्ति के बाद भी समाज के कमजोर वर्गों के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करेगी। उन्होंने ये भी कहा कि १२वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान सरकार, विद्यार्थियों को स्कूल यूनिफॉर्म और पाठ्यपुस्तके भी देगी। श्री सिब्बल ने कहा कि अगर स्कूलों के पास अधिक संसाधन हैं तो वे उससे इस कार्य कें लिए संसाधन जुटा सकते हैं।
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