गुस्से में हैं
सद्भाव के मालिक!
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। सिवनी
से खवासा तक फोरलेन का ठेका लेने वाली सद्भाव कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक काफी
गुस्से में बताए जाते हैं। सिवनी में फोरलेन के निर्माण के दौरान हुई अनियमितताएं
और फर्जी बिल बाउचर इसके पीछे एक प्रमुख कारक बताया जा रहा है। इस संबंध में
सद्भाव कंस्ट्रक्शन कंपनी का पक्ष जानने का प्रयास किया गया किन्तु उनके किसी भी
मातहत ने इस बारे में कुछ भी कहने से इंकार ही कर दिया।
सद्भाव कंस्ट्रक्शन
कंपनी के छिंदवाड़ा जिले के रामगढ़ी स्थित बेस केम्प के सूत्रों का कहना है कि
गुजरात मूल के सद्भाव कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक के संज्ञान में सिवनी के सड़क
निर्माण के दरम्यान होने वाले फर्जीवाड़े को रखा गया तो उनके होश उड़ गए।
कहा जा रहा है कि
सिवनी में लगभग पांच सौ करोड़ रूपयों की लागत से बनने वाले सिवनी मोहगांव फोरलेन
मार्ग के निर्माण में लगे डंपर, मिट्टी, गिट्टी मुरम आदि के
बिल बाउचर्स में काफी घपला किया गया है। इतना ही नहीं निर्धारित से अधिक संख्या
में डंपर्स लगाकर उनका भुगतान भी दर्शाने की शिकयतों को सद्भाव कंस्ट्रक्शन कंपनी
के मालिक तक पहुंचाया गया है।
सूत्रों का कहना है
कि पहले तो सद्भाव कंस्ट्रक्शन कंपनी प्रबंधन सारे मामले में इसलिए खामोश रहा
क्योंकि उसे भरोसा दिलाया गया था कि सिवनी से खवासा तक के संपूर्ण मार्ग का काम हो
अथवा नहीं, सद्भाव
कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से समूचे मार्ग की एनयूटी जारी करवा दी जाएगी।
सूत्रों की मानें
तो इसी बीच जब एनएचएआई का कार्यालय सिवनी से उठकर नरसिंहपुर गया और भूतल परिवहन
मंत्रालय की कमान कमल नाथ के हाथों से हटकर जयराम रमेश के हाथों में पहुंची तो
ममला गड़बड़ा गया। इस दौरान एनएचएआई के मुख्यालय में बैठे अधिकारियों ने निविदा की
शर्तों को बारीकी से पढ़कर सद्भाव कंस्ट्रक्शन कंपनी को दो टूक शब्दों में कह दिया
कि अगर कुल काम का अस्सी फीसदी काम हो जाता है तब संपूर्ण की एनयूटी जारी हो सकती
है।
सूत्रों के अनुसार
जब यह बात सद्भाव कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिकान तक पहुंची और उन्होंने कुल काम का
आंकलन करवाया तो यह साठ फीसदी से भी कम निकला। बताया जाता है कि आर्थिक चोट लगते
ही सद्भाव कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक हत्थे से उखड़ गए और कंपनी के एक संचालक जो
सिवनी का काम देख रहे थे, पर बरस पड़े।
सूत्रों ने समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिवनी में काम करने के दौरान सद्भाव कंस्ट्रक्शन
कंपनी के मालिकों का अनुभव बेहद खराब रहा है, इस दौरान कंपनी को पैसा और साख दोनों ही से
हाथ धोना पड़ा है। कहा जा रहा है कि सिवनी का नाम आते ही सद्भाव कंस्ट्रक्शन कंपनी
के मालिकों के मुंह में कुनैन की कड़वी गोली फूट जाती है और मुंह का स्वाद कसैला हो
जाता है।
(क्रमशः जारी)
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