गुस्से में हैं
सद्भाव के मालिक! - - - 2
अवैध तरीके से काटे
गए हैं कंपनी के धनादेश!
सिवनी का नाम सुनते ही भड़क जाता है सद्भाव
प्रबंधन!
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। पूर्व
प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के शासनकाल की महात्वाकाक्षी स्वर्णिम चतुर्भुज
परियोजना के अंग उत्तर दक्षिण गलियारे के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने
वाली गुजरात मूल की निर्माण एजेंसी सद्भाव कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रबंधन के मुंह
का स्वाद सिवनी का नाम आते ही कसैला होने लगा है।
कंपनी के सूत्रों
का कहना है कि कंपनी के एक संचालक द्वारा सिवनी में काम करने के दौरान निर्धारित
से अधिक राशि के बिल बाउचर्स आदि जमा कर राशि आहरण करने पर कंपनी प्रबंधन खासा
नाराज नजर आ रहा है। सूत्रों ने कहा कि इस तरह की विसंगतियां कंपनी के अंतरंग आडिट
के दौरान प्रकाश में आईं हैं।
सूत्रों के अनुसार
जिले में अपना काम सुचारू तौर पर करवाने के लिए कंपनी द्वारा दी गई सुविधा शुक्ल
को विभिन्न मदों में चेक काटकर निकाला गया था। सिवनी के स्थानीय लोगों या उनकी
संस्था के नाम से कटे इस तरह के धनादेशों में निर्धारित से बहुत अधिक मात्रा में
राशि का आहरण किया जाना बताया जाता है।
सूत्रों की मानें
तो अगर आयकर विभाग द्वारा वर्ष 2009 से चालू माली साल तक सिवनी के आयकर दाताओं
के रिटर्नस पर अगर बारीकी से जांच करवा ली जाए तो आश्चर्यजनक तरीके से अर्जित की
गई आय सामने आ सकती है। इस आय का संबंधितों द्वारा क्या किया गया है इस बारे में
किसी को कुछ भी पता नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि
सद्भाव के मालिकों द्वारा इस मसले को ज्यादा तूल इसलिए भी नहीं दिया जा रहा
क्योंकि सिवनी में की गई गफलत कंपनी में पदस्थ उनके एक करीबी द्वारा ही की गई है, जिनकी आय डेढ़ लाख
रूपए प्रतिमाह बताई जा रही है, किन्तु इस मामले में लगी लंबी आर्थिक चपत को
सहन करने की स्थिति में संभवतः प्रबंधन अपने आप को नहीं पा रहा है।
(क्रमशः जारी)
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