बुधवार, 25 जुलाई 2012

एफडीआई मामले में पिता पुत्र की राय जुदा


एफडीआई मामले में पिता पुत्र की राय जुदा

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता और समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव से अलग लाइन पर जाकर कहा कि उनकी पार्टी बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का समर्थन करेगी यदि इससे किसानों को फायदा होगा।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चौम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में यादव ने कहा, वे खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन यदि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई आएगी, तो इससे किसानों को नुकसान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश भी विनिर्माण क्षेत्र में तेजी लाने के लिए विदेशी निवेश चाहता है। उन्होंने कहा, सभी राज्य निवेश चाहते हैं। यदि देश में विनिर्माण क्षेत्र को नुकसान नहीं पहुंचता है, तो वे इसके पक्ष में हैं।
उल्लेखनीय है कि मुलायम सिंह यादव ने इस मुद्दे पर विरोध जताया है और कहा है कि विदेशी निवेश से देश का खुदरा क्षेत्र तबाह हो जाएगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को हाल में लिखे एक पत्र में उन्होंने अनुरोध किया था कि भारत को बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति नहीं देनी चाहिए। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल थे मुलायम सिंह यादव, माकपा महासचिव प्रकाश करात, सीपीआई नेता एस। सुधाकर रेड्डी, जनता दल सेक्युलर नेता दानिश अली, फॉरवर्ड ब्लॉक नेता देबव्रत विश्वास और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी नेता अबनी राय।
केंद्र सरकार ने इस साल के शुरू में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की कुछ सहयोगी पार्टियों खासकर तृणमूल कांग्रेस के विरोध के बाद बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के फैसले को लागू करने से रोक लिया।

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