बुधवार, 25 जुलाई 2012

कोकराझार जाएगा प्रतिनिधिमण्डल


कोकराझार जाएगा प्रतिनिधिमण्डल

(जाकिया तस्मिन रहमान)

गोवहाटी (साई)। असम में विधायकों का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल स्थिति का जायजा लेने कोकराझार जाएगा। प्रशासन ने कोकराझार जिले में सुबह आठ बजे से दोपहर १२ बजे तक कर्फ्यू में ढील देने का फैसला किया है लेकिन धुबरी और चिरांग के कुछ हिस्सों में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लागू रहेगा।
न्यू बोंगाईगांव से अलीपुरद्वार के बीच रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे ने कल लम्बी दूरी की ११ रेलगाड़ियां रद्द कर दी और कई रेलगाड़ियों के समय में फेरबदल कर दिया जिसके कारण हजारों यात्री फंस गए हैं। रेल मंत्री मुकुल राय ने केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदम्बरम और असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई  से आग्रह किया है कि हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में रेलों की सुरक्षित आवाजाही के लिए सुरक्षा प्रदान की जाए।
इस बीच, कोकराझार और चिरांग जिलों में जारी हिंसा में मृतकों की संख्या ३२ हो गई है। सेना और अर्द्धसैनिक बल हिंसा से प्रभावित जिलों में लगातार गश्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने अपने सभी सहयोगी मंत्रियों और राज्य के वरिष्ठ नेताओं को निर्देश दिए हैं कि वे प्रभावित जिलों में जाकर राहत और पुनर्वास कार्यों की देखरेख करें।
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री तरूण गोगोई से बात करके स्थिति की जानकारी ली। केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदम्बरम और रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने भी कानून और व्यवस्था बनाए रखने में मदद के लिए राज्य सरकार को पूरी मदद का भरोसा दिलाया।     गृहसचिव आर के सिंह ने असम सरकार को आश्वासन दिया है कि केन्द्र इस मामले में पूरी मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि उन्होने २९ कंपनियां भेज दी है और इसके अलावा सेना की कुछ यूनिट भी वहां लगाई गई है। केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव भी वहां जा रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि जब से यह समस्या शुरू हुई है, वे मुख्य सचिव और पुलिस महानिरीक्षक के लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने दोनों से कहा है कि उनकी जो भी आवश्यकता होगी वो पूरी की जाएगी।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि असम के विभिन्न जिलों में आज ताजा हिंसा हुई और कुछ लोगों ने राजधानी एक्सप्रेस पर हमला किया। हिंसा के चलते पूर्वाेत्तर को जाने वाली और पूर्वाेत्तर से आने वाली समूची ट्रेन सेवा बाधित हुई है। पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे के सूत्रों ने यहां बताया कि कोकराझार जिले के गोसाईगांव में अज्ञात लोगों ने पथराव किया और हमला कर गुवाहाटी जा रही राजधानी एक्सप्रेस के चार डिब्बों को क्षतिग्रस्त कर दिया। हालांकि, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।
ट्रेन को वापस लाया गया है और पश्चिम बंगाल से लगते कामाख्यागुडी स्टेशन पर रोका गया है। अधिकारी इसे कूचबिहार ले जाने पर विचार कर रहे हैं। कोकराझार, चिरांग और धुबरी जिलों से हिंसा तथा आगजनी की छिटपुट घटनाओं की खबर है, जबकि बोंगईगांव और उदलगुडी जिलों में स्थिति तनावपूर्ण है।
पुलिस ने कहा कि कोकराझार में अनिश्चितकालीन कफ्यरू जारी है। बोडोलैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्टर्ड डिस्ट्रिक्ट्स (बीटैड) जिले के धुबरी और चिरांग जिलों में रात का कफ्यरू जारी रहेगा। जातीय हिंसा 21 जिलों में फैल चुकी है। पचास हजार से अधिक लोगों ने 75 राहत शिविरों में शरण ली है। इनमें ज्यादातर लोग हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित कोकराझार जिले से हैं।
राज्य के राजस्व मंत्री पृथ्वी माझी और कृषि मंत्री नीलमणि सेन डेका मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के निर्देश पर जिला पहुंच गए हैं, जबकि वन मंत्री रकीबुल हुसैन, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री नजरुल इस्लाम और पर्यटन मंत्री चंदन ब्रह्म वहां पहले से ही डेरा डाले हुए हैं। भाजपा और कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल स्थिति का जायजा लेने के लिए अशांत जिलों में पहुंच चुका है।
हिंसा के चलते ट्रेन सेवा भी बाधित हुई है और 31 ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोक दिया गया है। रेलवे अधिकारियों ने राज्य सरकार से ट्रेनों के सुरक्षित आवागमन के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का आग्रह किया है। इस बीच, बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के प्रमुख हाग्रमा मोहिलारी ने आज दावा किया कि लोगों के एक तबके का आरोप है कि हिंसा में एनडीएफबी की कुछ भूमिका है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि एनडीएफबी इस समय संघर्षविराम समझौते के अंतर्गत है और इसके साथ वार्ता प्रक्रिया शुरु हो चुकी है।
मोहिलारी ने कहा, ‘‘मैं एनडीएफबी से शांत रहने और इस तरह की गतिविधियों से दूर रहने का आग्रह करता हूं। सरकार को उन कैडरों को मुख्यधारा में लाने के लिए पहल करनी चाहिए जो अब भी जंगलों में हैं और उन्हें शांति प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए।’’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीटैड में पर्याप्त सुरक्षाबल नहीं हैं जिससे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में मुश्किल आ रही है।
मोहिलारी ने कहा, ‘‘हमारी शीर्ष प्राथमिकता हिंसा को रोकने की है और हम राज्य सरकार से आग्रह करते हैं कि फिलहाल सेना को नहीं हटाया जाए।’’ असम में बोडो एवं अल्पसंख्यक प्रवासियों के बीच संघर्ष जारी है। पुलिस की गोलीबारी में आज चार और लोगों की मौत के साथ इस हिंसा में मरने वालों की संख्या 25 तक पहुंच गई है।
हिंसा राज्य के 11 जिलों के करीब 500 गांवों में फैल गई है। करीब 60 हजार लोग घर छोड़ कर भाग गए हैं । वे शरणार्थी कैंपों में रह रहे हैं। उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया गया है। बीटीएडी के आईजीपी एसएन सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, श्राज्य में सोमवार को हिंसा की कई घटनाएं हुईं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिला कोकराझार है। यहां कर्फ्यू लगाया गया है। उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है।

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