टीबी के इलाज में
नई दवाई ज्यादा प्रभावशाली
(अभिलाषा जैन)
लंदन (साई)। कल तक
टीबी लाईलाज था, पर धीरे
धीरे इस असाध्य बीमारी को जड़ से मिटाना संभव हो चला। एक समय था जब तपेदिक के मरीज
से सभी पर्याप्त दूरी बनाकर रखते थे, क्योंकि इसे छूत की यानी छूने या संपर्क में
आने से फैलने वाली बीमारी समझाा जाता था।
दवाईयों का एक नये
समिश्रण से तपेदिक (टीबी) से लड़ने की उम्मीद बंधी है। इस बीमारी से हर साल दुनिया
में 14 लाख और
भारत में 2.8 लाख लोगों
की जान चली जाती है। ‘द लांसेंट’ पत्रिका के मुताबिक शोध में शामिल 85 मरीजों के चरण दो
के परीक्षण के परिणामों के मुताबिक नया समिश्रण दो सप्ताह के भीतर 99 प्रतिशत मरीजों की
टीबी बैक्टीरिया को खत्म कर सकता है और मरीजों की सेहत में भी सुधार होता है।
दक्षिण अफ्रीका के
केपटाउन में काम कर रहे वैज्ञानिकों ने दवाइयों के नये संयोजन का इस्तेमाल किया।
इसमें पीए 824, मोक्सिफ्लाक्सासिन
और पीराजिनामाइड का मिश्रण है। दो सप्ताह के बाद उन्होंने पाया कि नया संयोजन पहले
के समिश्रण की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली है। हर साल भारत में 2.8 लाख से ज्यादा लोग
तपेदिक से मरते हैं। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए अभी भी एक गंभीर चिंता का विषय
बनी हुई है।
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