नेता प्रतिपक्ष
अजयसिंह ने की सीबीआई जांच की मांग
(शमीम खान)
सिवनी (साई)। पिछले
दिनों भोपाल में भाजपा, संघ और महाकौशल क्षेत्र के एक कथित महाबलि कांग्रेसी नेता से
जुड़े रसूखदार ठेकेदार व बिल्डर्स दिलीप सूर्यवंशी, सुधीर शर्मा एवं
हेमंत सोनी के ठिकानों एवं आवासों पर पड़े छापों की गूंज कल दिल्ली में सुनायी दी।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय राहुल सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष
कांतिलाल भूरिया ने कल दिल्ली में संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता आयोजित कर भोपाल में
भाजपा से जुड़े ठेकेदारों की संपत्ति एवं उनके संबंधों की जांच सीबीआई से कराने की
मांग की है। इस प्रेसवार्ता में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रमोद तिवारी एवं
मप्र के प्रभारी बीके हरिप्रसाद भी मौजूद थे।
उक्त प्रेसवार्ता
में अजय राहुल सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस दिलीप सूर्यवंशी के ऊपर 2003 के पहले 15 से 20 लाख रूपये बैंक का
कर्जा था, वह 2004 के बाद हजार करोड़
की कंपनी का मालिक कैसे हो गया? उक्त प्रेसवार्ता में उपस्थित कांतिलाल
भूरिया ने आरोप लगाया कि दिलीप सूर्यवंशी और सुधीर शर्मा जैसे व्यवसायियों को
प्रदेश की भाजपा सरकार का खुला संरक्षण मिला है, जिसके कारण ये
रातों रात आम आदमी से खास हो गये। प्रेसवार्ता के दौरान एक पत्रकार के द्वारा अजय
सिंह से उपचुनाव में कांग्रेस की हार का कारण पूछने पर अजय सिंह ने कहा कि भाजपा
सरकार खनिज और जमीन से होने वाली काली कमाई का पैसा उपचुनाव में लगा रही है।
ज्ञातव्य है कि जून
के महीने में रसूखदार ठेकेदार एवं बिल्डर्स दिलीप सूर्यवंशी, सुधीर शर्मा एवं
हेमंत सोनी के ठिकानों पर पड़े छापों ने प्रदेश की राजधानी को हिलाकर रख दिया था।
दिलीप सूर्यवंशी के सीधे संबंध भाजपा एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से होने के कारण
सारा मामला हाईप्रोफाईल हो गया था। उक्त हाथों के बाद आकृति समूह के संचालक एवं
हरवंश सिंह के करीबी हेमंत सोनी के भाजपा से जुड़े होने की खबर ज्यादा दिलचस्प एवं
गौरतलब थी।
उल्लेखनीय है कि 1993 के विधानसभा चुनाव
हरवंश सिंह ने केवलारी से जीतकर जलसंसाधन विभाग में असिसटेंट इंजीनियर के पद पर
कार्यरत हेमंत सोनी को केवलारी में एसडीओ के पद पर नियुक्त कराया था। पारखी एवं
अनुभवी हरवंश सिंह को हेमंत सोनी में वह समस्त काबिलियत नजर आयी, जिसकी उन्हें तलाश
थी। सूत्र बताते हैं कि हरवंश सिंह ही हेमंत सोनी को सिवनी से भोपाल ले गये थे।
जिस जमाने में
हेमंत सोनी और हरवंश सिंह का व्यवसायिक गठबंधन हुआ था, उसी दौरान देश में
खासतौर से बड़े शहरों में जमीन एवं रियल स्टेट का कारोबार शनैरू शनैरू आकृति ले रहा
था। बताया जाता है कि हरवंश सिंह का संरक्षण प्राप्त हेमंत सोनी ने आकृति गु्रप
में संचालक की भूमिका संभाल लिया था।
साधारण परिवार में
जन्मे और घोर आर्थिक संघर्ष का सामना करते हुए बीई की पढ़ाई पूरी करने वाले हेमंत
सोनी ने आकृति समूह का कारोबार इस तेजी से फैलाया कि वर्ष 2000 आते- आते उन्होंने
जलसंसाधन विभाग की नौकरी छोड़कर हरवंश सिंह के सुझाव और संरक्षण वाले आकृति गु्रप
की कमान पूरी तरह से संभाल लिया था।
एक स्थानीय समाचार
पत्र पहले भी ‘‘भाजपा से
जुड़े ठेकेदारों के ठिकानों पर छापे‘‘ शीर्षक के अंतर्गत प्रकाशित समाचारों में
पहले ही यह संभावना व्यक्त कर चुका था कि रसूखदार ठेकेदारों एवं बिल्डर्स के
ठिकानों पर पड़े छापों का आगामी समय में दूरगामी परिणाम पड़ेगा। इन छापों में हरवंश
सिंह से जुड़े आकृति गु्रप के संचालक हेमंत सोनी का नाम आने के बाद अजय सिंह राहुल
द्वारा इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग ने कांग्रेस के प्रहार की
त्रीवता कम कर सकती है, क्योंकि निश्चित तौर पर सीबीआई इस मामले की जांच ईमानदारी से
करेगी, तब ऐसी
स्थिति में हेमंत सोनी जैसे साधारण परिवार से संबंध रखने वाले अदने से एसडीओ के
व्यवसायिक कनेक्शन खंगाले जायेंगे, जिससे पूरे मामले में एक नया मोड़ भी आ सकता
है।
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