अंततः प्रणव को
मिली बनर्जी की ममता
(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)।
राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने यूपीए उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी
को समर्थन देने का निर्णय लिया है। पार्टी अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री
ममता बनर्जी ने कल कोलकाता में यह घोषणा की। राष्ट्रपति पद के लिए कल मतदान होगा।
कांग्रेस ने श्री
मुखर्जी को समर्थन देने के तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के फैसले का स्वागत
किया है। नई दिल्ली में पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने आशा व्यक्त की कि इस फैसले
से श्री मुखर्जी बडे़ अंतर से जीतेंगे। उन्होंने कहा कि इस समर्थन से श्री प्रणब
मुखर्जी के प्रतिनिधित्व को और बल मिलेगा और वो बहुत ही बड़े मार्जिन से भारत के राष्ट्रपति
बनेंगे।
उधर, भाजपा प्रवक्ता
निर्मला सीतारमण ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख के यूपीए उम्मीदवार को
समर्थन देने के फैसले से उसे निराशा हुई है। सीतारमण ने कहा कि यह बात भाजपा के
लिए निराशाजनक है कि ममता ने प्रणव का साथ देने का फैसला लिया है। राष्ट्रपति पद
के दूसरे उम्मीदवार श्री पी.ए. संगमा को कई विपक्षी दलों सहित भाजपा भी समर्थन दे
रही है।
उधर, समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक आंध्रप्रदेश में मुख्य विपक्षी दल तेलुगुदेशम
पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेगी। पार्टी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने कल
शाम एक बयान में इस फैसले की घोषणा की। उन्होंने कहा कि तेलुगुदेशम पार्टी पिछले
तीन दशक से कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ रही और राष्ट्रपति पद के लिए कांग्रेस के
उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन देना उसे स्वीकार नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी
को साम्प्रदायिक दल बताते हुए श्री नायडू ने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाले एन डी ए के सहयोग से मैदान में
उतरे पी ए संगमा को समर्थन देना भी उनकी पार्टी के लिए उचित नहीं होगा। तेलुगुदेश
के लोकसभा में छह और राज्यसभा में पांच सदस्य हैं तथा राज्य विधानसभा में ८६ विधायक
हैं।
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