यूपी में हो सकती
है बिजली कटौती, 3 संयंत्र
अस्थायी रूप से बंद
(दीपांकर श्रीवास्तव)
लखनऊ (साई)। तीन
पनबिजली संयंत्रों के बंद होने से दिल्ली समेत उत्तरी राज्यों को बिजली संकट का
सामना करना पड़ सकता है। ये संयंत्र संयुक्त रूप से करीब 3,000 मेगावाट बिजली की
आपूर्ति करते हैं।
सूत्रों ने बताया
कि पानी में गाद का स्तर उंचा होने से 1,500 मेगावाट क्षमता की नाथपा झाकड़ी, 1,000 मेगावाट क्षमता की
करचम-वांगतू तथा 300 मेगावाट
की चमेरा दो पनबिजली परियोजनाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इन तीनों
संयंत्रों से उत्पादित बिजली उत्तरी ग्रिड को दी जाती है। उत्तरी ग्रिड देश की 28 प्रतिशत आबादी को
बिजली उपलब्ध कराता है।
पावर ग्रिड के एक
अधिकारी ने कहा कि तीन बिजली परियोजनाओं के बंद होने से उत्तरी ग्रिड को होने वाली
आपूर्ति में करीब 3,000 मेगावाट
बिजली की कमी हुई है। उसने कहा कि ग्रिड में आपूर्ति की कमी सुबह 10 बजे देखी गयी। उस
समय मांग 33,000 मेगावाट
बिजली की मांग थी। इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी ने कहा कि राज्य ने करीब 10 बजे उत्तरी ग्रिड
के ठप होने से बचाया।
उल्लेखनीय है कि 31 जुलाई को उत्तरी, पूर्वी तथा उत्तर
पूर्वी ग्रिड के ठप हो जाने से देश की आधी से अधिक आबादी को बिजली से वंचित होना
पड़ा था। इससे एक दिन पहले उत्तरी ग्रिड ठप हो गया था। इस बारे में संपर्क किये
जाने पर एसजेवीएन के एक अधिकारी ने कहा कि सतलुज नदी के पानी में गाद की मात्रा
अधिक होने के कारण संयंत्र को बंद किया गया है। कंपनी नाथपा झाकड़ी का परिचालन करती
है।
नाथपा झाकड़ी के कार्यकारी निदेशक आर के बंसल ने कहा कि अगर पानी में कीचड़ का
स्तर बढ़ता है तो संयंत्र को बंद कर दिया जाता है। हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
संयंत्र के सुबह शुरू होने की संभावना है।
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