शोरशराबा के चलते
लोकसभा स्थगित
(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)।
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही आज शोरशराबे के कारण दिनभर के लिए स्थगित कर दी
गई। लोकसभा की बैठक जैसे ही शुरू हुई, भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में विपक्षी
सदस्य कोयला खण्डो के आवंटन पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को लेकर
प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये।
ऑल इंडिया अन्ना डी
एम के और डी एम के पार्टी के सदस्यों ने तमिलनाडु के मछुआरों पर श्रीलंका नौ सेना की
कथित ज्यादतियों पर विरोध प्रकट किया। अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही एक
घंटे के लिए स्थगित कर दी। बाद में बैठक फिर शुरू होने पर स्थिति में कोई परिवर्तन
दिखाई नहीं दिया।
अध्यक्ष ने सदस्यों
से शान्ति बनाये रखने की बार बार अपील की, लेकिन शोर शराबा जारी रहा और अध्यक्ष ने
कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। राज्यसभा में भी ऐसी ही स्थिति थी। शोरशराबे
के कारण सदन की कार्यवाही पहले १२ बजे तक स्थगित की गई।
उधर, सरकार ने कहा है कि
विपक्ष को संसद की कार्यवाही चलने देनी चाहिए और कोयला खंडों के आवंटन के मुद्दे
पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक-कैग की रिपोर्ट पर बहस करनी चाहिए। संसदीय कार्य
मंत्री पवन कुमार बंसल ने संसद से बाहर संवाद्दाताओं से कहा कि बड़े दुर्भाग्य की
बात है कि विपक्ष सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहा है और किसी को बोलने नहीं दे
रहा। श्री बंसल ने कहा कि सरकार इस बारे में विस्तृत चर्चा के लिए तैयार है।
श्री बंसल ने कहा
कि भारतीय जनता पार्टी संकट की स्थिति पैदा करना चाहती है लेकिन लोगों को सच्चाई
और इस बात का पता होना चाहिए कि कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में भाजपा की क्या
भूमिका है। श्री बंसल ने कहा कि प्रधानमंत्री के त्यागपत्र की मांग बे-बुनियाद है।
संसदीय मामलों के
राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने विपक्ष से कहा है कि संसद में किसी भी मुद्दे पर बहस
से भागे नहीं। राज्यसभा में कोयले के ब्लॉक के आवंटन पर नियंत्रक और महालेखा
परीक्षक की रिपोर्ट पर विपक्ष के शोर-शराबे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री
शुक्ला ने कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है। उन्होंने विपक्ष
से आग्रह किया कि संसद की कार्रवाई में बाधा न डालें।
कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया है कि वह गैर जिम्मेदाराना रूख
अपना रही है और संसद का कामकाज नहीं चलने दे रही है। संसद भवन के बाहर संवाददाताओं
के साथ चर्चा में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सूचना और प्रसारण मंत्री अम्बिका
सोनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बहस नहीं होने देना चाहती। अगर भाजपा ऐसा चाहती
तो उसे बहस के लिए नोटिस देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भाजपा संसद का कामकाज में
बाधा डाल रही है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें