दंगे होने पर सीधे
हस्ताक्षेप करेगा केंद्र
(मणिका सोनल)
नई दिल्ली (साई)।
केन्द्र सरकार ने दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों के अनुरूप दंगे होने की
स्थिति में और संवैधानिक तंत्र के भंग होने की संभावना को देखते हुए सीधे केन्द्र
को हस्तक्षेप करने का अधिकार देने सहित विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार की राय
मांगी है।
गृह मंत्रालय ने
अपनी रिपोर्ट में कहा है कि केन्द्र सरकार को इस बारे में अधिकार देने का कानून
बनाया जाना चाहिए,
जिससे कि वह कानून-व्यवस्था की ऐसी बड़ी समस्या पैदा होने पर
अपने सुरक्षाबलों को तैनात कर सके, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में संवैधानिक
व्यवस्था के बिगड़ने की संभावना हो।
लेकिन साथ में
गृहमंत्रालय ने यह भी कहा है कि सुरक्षाकर्मियों की यह तैनाती तभी होनी चाहिए जब
संबद्ध राज्य संविधान के अनुच्छेद २५६ के अंतर्गत केन्द्र द्वारा जारी निर्देश का
पालन करने में विफल रहा हो। इस प्रकार की तैनाती अधिक से अधिक तीन महीने की अवधि
के लिए होनी चाहिए। इस अवधि को संसद की मंजूरी से और तीन महीने के लिए बढ़ाया जा
सकता है।
अन्य मुद्दे, जिन पर राज्य
सरकारों की राय मांगी गई है, उनमें अपराधों की जांच को अन्य पुलिस
गतिविधियों से अलग रखना, नगर पालिका पुलिस सेवा का गठन, अर्दली प्रथा की
समाप्ति और पुलिस बलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाकर ३३ प्रतिशत करने जैसे
मुद्दे शामिल हैं। गृह मंत्रालय ने दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग की-सार्वजनिक
व्यवस्थाः प्रत्येक के लिए न्याय, सभी के लिए शांति-नाम की इस रिपोर्ट को
वेबसाइट पर भी डाला है।
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