लाजपत ने लूट लिया
जनसंपर्क ------------------41
भागवत की कमी खल
रही होगी शिवराज को!
(आकाश कुमार)
नई दिल्ली (साई)।
इस बार निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जनसंपर्क
संचालनालय में पदस्थ रहे मिलिंद भागवत की कमी बुरी तरह खल रही होगी, जिनके ना रह पाने
से चुनावी साल में शिवराज सिंह चौहान की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में दिल्ली
के राजपथ पर झांकयां नहीं दिख पाएंगी। गौरतलब है कि मिलिंद भागवत जनसंपर्क
संचालनालय के क्षेत्रीय प्रचार अनुभाग में पदस्थ थे, और उनका निधन हो
गया है।
समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया के भोपाल ब्यूरो से राजेश शर्मा ने जनसंपर्क संचालनालय के सूत्रों के हवाले
से बताया कि मिलिंद भागवत फील्ड पब्लिसिटी अनुभाग में विज्युलाईजर के पद पर पदस्थ
थे, उन्हें उप
संचालक का वेतन स्केल मिल रहा था। स्व.भागवत बहुत मेहनती और ईमानदार कर्मचारी के
बतौर संचालनालय में प्रसिद्ध थे।
सूत्रों ने कहा कि
मिलिन्द भागवत ही वे कर्मचारी थे जो हर साल मध्य प्रदेश की प्रस्तावित झांकियों के
स्वरूप को प्रस्ताव के रूप में लिपिबद्ध कर उचित माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा
करते थे। भागवत इतने तत्पर और कर्तव्यों के प्रति सजग कर्मचारी थे कि वे हर काम को
बिना किसी के स्मरण कराए ही अंजाम दे दिया करते थे। चूंकि वे अपने काम को बखूबी
अंजाम दिया करते थे अतः उस काम में अन्य किसी ने ना दिलचस्पी दिखाई और ना ही किसी
ने सीखने का ही प्रयास किया।
सूत्रों ने बताया
कि उनके निधन के उपरांत फील्ड पब्लिसिटी अनुभाग मानो मृत प्राय ही हो गया। कहते
हैं कि इस अनुभाग में अब कोई काम अंजाम ही नहीं दिया जाता है। संभवतः यही कारण है
कि पिछले साल कमजोर प्रस्तावों के चलते राजपथ देश के हृदय प्रदेश की झांकियों से
रीता ही रहा। इसी तरह इस साल तो प्रस्ताव ही नहीं भेजे गए जिससे इस बार लगातार
दूसरे साल भी राजपथ पर एमपी की झांकियां नहीं दिखाई देंगी।
ज्ञातव्य है कि यह
मध्य प्रदेश के लिए चुनावी साल है और इस साल अगर चुनावी झांकी में मध्य प्रदेश के
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा सूबे में लागू की गई जनकल्याणकारी
योजनाओं को झांकी की शक्ल में पेश किया जाता तो निश्चित तौर लाड़ली लक्ष्मी, मुख्ममंत्री तीर्थ
दर्शन, मुख्यमंत्री
पंचायत आदि जैसी योजनाओं का लाभा इस अवसर पर भाजपा को अवश्य ही मिल गया होता।
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