गुरूद्वारों में मना बैसाखी पर्व
(सचिन धीमान)
मुजफ्फरनगर (साई)। बैसाखी और खालसा पंथ
के सृजना दिवस पर नगर के विभिन्न गुरूद्वारों में विशेष दीवान सजाये गये और रागी
जत्थों ने खालसा पंथ के संस्थापक गुरू गोविन्द सिंह के विषय में चर्चा करते हुए
कहा कि खालसा पंथ की स्थापना अन्याय के विरूद्ध संघर्ष के लिए की गई थी। इस पंथ ने
मानव जाति में एकता और भाईचारे का संदेश फैलाया।
बैसाखी पर्व पर खालसा पंथ की स्थापना की
गई थी। नगर के विभिन्न गुरूद्वारों में इस मौके पर विशेष आयोजन किये गये। गांधी
कालोनी स्थित गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा में चल रहे अखंड पाठ का आज समापन हुआ।
इसके बाद वहां विशेष दीवान सजाया गया। इसमें ज्ञानी शोभा सिंह ने अरदास करायी।
आयोजन में ढाड़ी जत्थे भाई हरनेक सिंह व उनके साथियों ने खालसा पंथ की महिमा का
बखान करने वाले शबद प्रस्तुत किये। इनमें गुरू गोविन्द सिंह के मकान व्यक्तित्व के
विषय में चर्चा की गई। आयोजन में गुरू सिंह सभा के महामंत्री इन्द्रजीत सिंह छाबड़ा, अमरजीत सिंह सिडाना, इन्द्रजीत सिंह सेखों, त्रिलोचन सिंह, देवेन्द्र सिंह नागपाल, राय सिंह, सुखदर्शन सिंह बेदी, धनप्रीत चन्नी बेदी, मंजीत सिंह हैप्पी, रतनागर कोहली मौजूद रहे। वहीं घास मंडी
स्थित गुरूद्वारे में भी दीवान सजाया गया। शबद कीर्तन के माध्यम से खालसा पंथ तथा
गुरू गोविन्द सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला। आयोजन में सरदार सतनाम सिंह, प्रतिपाल सिंह कथूरिया का सहयोग रहा।
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