पूजा की थाली पर महंगाई का ग्रहण
(राजेश शर्मा)
भोपाल (साई)। इस साल मध्य प्रदेश में
विधानसभा चुनाव हैं और अगले साल आम चुनाव होने की उम्मीद है। इसके बाद भी इस साल
मंहगाई का जो ग्राफ सामने आया है वह वाकई हैरत अंगेज है। किसी भी राजनैतिक दल को
मंहगाई की जरा भी चिंता नहीं सता रही है। लगता है मानो गरीबों का कोई धनी धोरी
नहीं रह गया है।
नवरात्र में अपने आराध्य की पूजा में
लगने वाली पूजा सामग्री भी महंगाई से अछूती नहीं है। महंगाई इस कदर है कि दूध, दही समेत फल भी महंगे हो गए हैं। पिछले
नवरात्रों से तुलना करें तो इस बार पूजा के प्रयोग में आने वाली हर सामग्री चाहे
वह दूध है या फिर रौली, सब पर महंगाई का असर साफ दिख रहा है। वहीं फलों सहित नारियल के दाम भी
बढ़ गए हैं।
इससे पूजा की थाली सजा पाना आम आदमी की
पहुंच से दूर हो गया है। नवरात्र शुरू होते ही 30 से 40 रुपये दर्जन मिलने वाले केले के दाम 50 रुपये पहुंच गए। जबकि 15 से 20 रुपये में मिलने वाला नारियल 25 रुपये में बेचा जा रहा है। सलकनपुर
मंदिर में एक थाली जिसमें नारियल, धूप, रौल्ली, मोली शामिल है यह 51 और 101 रुपये में मिल रही है। यहीं नहीं, पिछले नवरात्रों से लेकर अब तक दूध के
दामों में भी दो रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है।
इसके अलावा जोत के लिए प्रयोग होने वाले
तिल के तेल के दाम भी दस रुपये, जबकि प्रभु के माथे पर लगाई जाने वाली
रौली के दाम में 40 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है। सूखा पंच मेवा 180 रुपये किलो मिल रहा है। इधर, फल विक्रेता रामलाल का कहना है कि पिछले
नवरात्रों की तुलना में फलों के दामों में बढ़ोतरी हुई है। नवनीत अग्रवाल का कहना
है कि पूजा की सामग्री के दामों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रौल्ली के दाम चालीस
रुपये प्रति किलो बढ़े हैं।
एक किराना व्यापारी जगदीश रावलानी ने बताया
कि इस बार पूजन सामग्री व फलाहार लगभग 20 प्रतिशत महंगा हो गया है। इसके बावजूद
मां की आराधना के लिए लोगों के उत्साह कम नहीं है और जमकर खरीदारी हो रही हैं। घी, धूप, बताशा, नारियल, चुनरी, कपूर, लौंग, पान, मेवे की सजावट, रुई, सिंघाड़े का आटा व माला, कलावा आदि महंगी हुई है। व्यापारी बताते
हैं कि नवरात्र आते ही लोग माता के सजावट व पूजन की सामग्री रखने लगते थे, लेकिन अब सिर्फ काम चलाने भर का लेकर
रस्म अदायगी करते हैं।
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