प्रियंका ने संभाली वॉर रूम की कमान
(मणिका सोनल)
नई दिल्ली (साई)। खुद को अपनी मां
सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के चुनाव क्षेत्र तक सीमित रखने वाली गांधी
परिवार की तीसरी अहम सदस्य प्रियंका गांधी ने पार्टी के भीतर अपनी भूमिका बढ़ाई है।
हालांकि,
वह खुले तौर पर पार्टी हेड ऑफिस में नहीं
दिखतीं, लेकिन पर्दे के पीछे रहकर मौजूदा चुनाव से जुड़ी पार्टी की
रणनीतिक तैयारियों में अहम भूमिका निभा रही हैं।
चेंज हुआ रूम
प्रियंका ने जहां एक ओर कांग्रेस
अध्यक्ष सोनिया और उपाध्यक्ष राहुल के चुनावी शेड्यूल को तय करने की जिम्मेदारी ले
रखी है, वहीं वह पार्टी के कैंपेन प्लान से लेकर चुनावी मैनेजमेंट तक
की योजनाओं में दखल रखती हैं। प्रियंका की सक्रिय भूमिका को देखते हुए कांग्रेस का
वॉर रूम भी फिलहाल गुरुद्वारा रकाबगंज से बदलकर राहुल के सरकारी निवास 12 तुगलन लेन शिफ्ट हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, राहुल के घर से चलने वाले वॉर रूम की कमान पूरी तरह से
प्रियंका के हाथों में है। जबकि पार्टी का औपचारिक वॉर रूम अब सिर्फ रुटीन चीजों
के लिए रह गया है, जबकि सारी अहम
चीजें राहुल के घर से तय हो रही हैं।
थाम ली कमान
कैपेंन, मीडिया प्लैनिंग से लेकर चुनावी शेड्यूल और विभिन्न मुद्दों
पर ली जाने वाली पार्टी लाइन तक पर प्रियंका अपनी पैनी नजर रख रही हैं। वह इन
मुद्दों को लेकर जहां एक ओर अपने मां और भाई के संपर्क में हैं, वहीं दूसरी ओर वह पार्टी के अहम नेताओं और रणनीतिकारों के साथ
लगातार मीटिंग करके अहम मुद्दों पर सक्रियता दिखा रही हैं। बताया जाता है कि
प्रियंका का काफी वक्त यहीं बीतता है। मालूम हो कि कांग्रेस में प्रियंका की
सक्रियता की खबरें तभी से सामने आने लगी थीं, जब उन्होंने अपने
भाई की गैरमौजूदगी में पार्टी और सरकार के कुछ अहम रणनीतिकारों के साथ मीटिंग की
थी।
रणनीति में दखल
पार्टी की ओर से यह कहा गया था कि
प्रियंका की भूमिका सिर्फ अपनी मां और भाई के चुनाव क्षेत्र और प्रोगाम्स की
देखरेख करना है, लेकिन प्रियंका की सक्रियता की खबरें
जिस तरह से सामने आती रहीं, उससे साफ हो गया
कि इन चुनावों में वह इनसे इतर पार्टी की रणनीतिक तैयारियों में भी अहम भूमिका
निभाने वाली हैं। ध्यान रहे कि जहां सोनिया पार्टी की व्यस्तताओं और राहुल संगठन
के साथ-साथ चुनाव प्रचार में बिजी हैं, उसे देखते हुए ही
प्रियंका ने इन दोनों की गैरमौजूदगी में पीछे से चुनावी तैयारियों की देखरेख की
कमान संभालने का फैसला किया। वह रोजाना की मीटिंग्स के साथ-साथ पार्टी के
महासचिवों के साथ मिलकर चुनावी तैयारियों की जानकारी भी ले रही हैं।
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