उत्तर भारत में हुआ मौसम खुशगवार!
नई दिल्ली (साई)। उत्तर भारत में हाड़ गलाने वाली सर्दी से कुछ आराम मिलता नजर आ रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान में बढोत्तरी ने लोगों के चेहरों पर चमक ला दी है। उधर, मध्य भारत में गरज के साथ छीटे पड़ने की खबरें हैं। महाकौशल क्षेत्र पानी से सराबोर होने से मैदानी इलाकों में ठण्ड ने अपनी ताकत बढ़ा दी है।
जयपुर साई ब्यूरो से शैलेन्द्र ने समाचार दिया है कि प्रदेश मे न्यूनतम तापमान में फिर गिरावट दर्ज की गई है। राज्य के मैदानी इलाकों में सबसे कम तापमान चूरू में तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। साई संवाददाता ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जारी सर्दी के कारण वहां जन जीवन प्रभावित हुआ है। पर्वतीय इलाकों में माउंट आबू में तीन दशमलव चार डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार वनस्थली और ऐरनपुरा रोड में पांच, श्रीगंगानगर में पांच दशलमव एक, पिलानी में पांच दशमलव सात, सीकर में पांच दशमल आठ, जयपुर में सात दशमलव एक, बूंदी और सवाईमाधोपुर में साढे सात, बीकानेर में सात दशमलव 6, चित्तौडगढ और जैसलमेर में सात दशमलव आठ और फलौदी में साढे आठ डिग्री सैल्सियस तापमान रहा। इसके अलावा अजमेरमें नौ दशमलव पांच, कोटा में नौ दशमलव सात, जोधपुर में दस दशमलव आठ, बाडमेर और झालावाड में 11, रावतभाटा में 13 दशमलव एक और बांसवाडा में 13 दशमलव चार डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया।
शिमला साई ब्यूरो से स्वाति सिंह ने खबर भेजी है कि प्रदेश के अंधिकांश भागों में आज आसमान में हल्के बादल छाये रहे और बीच-बीच में धूप खिलती रहीं। जिससे लोगों को ठंड से राहत मिली। इस बीच जनजातिय क्षेत्रों में बर्फबारी से अस्त-व्यस्त जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। किन्नौर जिले में पिछले 3 दिनों से बदाल-चौरा के बीच अवरूद्ध बिजली आपूर्ति बहाल हो गई है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ‘साई‘ ब्यूरो ने यह जानकारी देते हुए बताया कि किन्नौर जिले में अंधिकांश सड़क मार्गो पर यातायात बहाल हो गया है। लाहौल घाटी में भी सम्पर्क मार्गो से बर्फ हटा दी गई है और यातायात सामान्य रूप से चल रहा है। घाटी में मौसम ठीक रहने से हैलिकॉप्टर की उड़ाने भरी गई। शिमला में भी आज आसमान में धूप और छांव की आंख मिचौली चलती रही और शामढलते ही शीतलहर चलने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग नेे अगामी 24 घंटों के दौरान राज्यों के निचले व मध्यवर्ती इलाकों में मौसम के शुष्क रहने तथा ऊंची पर्वत श्रृख्लाओं पर वर्षा व हिमपात होने की संभावना जताई है।
शिमला साई ब्यूरो का कहना है कि आने वाले दिनों में प्रदेशवासियों को कड़ाके की ठंड से राहत मिलेगी। मौसम विभाग के अनुसार 31 जनवरी तक प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम काफी हद तक साफ रहेगा। इससे काफी समय से माइनस में चले रहे तापमान में बढ़ोतरी होगी, वहीं लोगों को ठंड से भी निजात मिलेगी। हालांकि 31 जनवरी को प्रदेश की ऊंची चोटियों पर हल्के हिमपात की संभावना जताई जा रही है, लेकिन अब पश्चिमी विक्षोभ प्रदेश के लोगों को ज्यादा परेशान नहीं करेगा। प्रदेश के मैदानी इलाकों में ठंड काफी हद तक कम हो गई है और लोग खिली धूप का लुत्फ उठा रहे हैं। मौसम विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार ठंड अब धीरे धीरे कम हो रही है। फरवरी में बर्फबारी और बारिश को लेकर संशय बरकरार है। शुक्रवार को कल्पा व रोहतांग में हल्का हिमपात हुआ है, लेकिन प्रदेश के बाकी क्षेत्रों में मौसम खुशगवार ही रहा। शुक्रवार को प्रदेश में न्यूनतम तापमान केलंग का माइनस 12.6 रिकार्ड किया गया, जबकि अधिकतम तापमान ऊना का 21.8 डिग्री रहा। शिमला सहित प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के लोगों ने भी मौसम खुलने से राहत की सांस ली है।
देहरादून से साई ब्यूरो दिशा कुमारी ने कहा है कि रूड़की में पिछले कई दिनों से दिन में तेज धूप निकलने से दिन का अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। शुक्रवार को दिन में शीतलहर चलने से अधिकतम तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। एनआइएच रुड़की के मौसम वैज्ञानिक डॉ. मनोहर अरोड़ा ने बताया कि अधिकतम तापमान में तीन डिग्री गिरावट होने के बाद 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
श्रीनगर से साई ब्यूरो ने कहा कि वादी में पारा चढ़ने से राहत महसूस की जा रही है। काश्मीर की वादी में बुधवार को दिनभर खिली धूप ने भीषण ठंड से जूझ रहे लोगों को थोड़ी राहत दी। तापमान में बढ़ोतरी होने से शीतलहर का प्रकोप कुछ हद तक कम हो गया। 4 डिग्री की बढ़त के साथ अधिकतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। मौसम विभाग की मानें तो अगले चौबीस घंटों के दौरान वादी के उच्च पर्वतीय इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। उच्च पर्वतीय इलाकों में बारिश भी हो सकती है वहीं, निचले इलाकों में मौसम आमतौर पर शुष्क रहने की संभावना है।
पहले हुई बर्फबारी सुरक्षा बलों के लिए खतरनाक ही साबित हुई है। पिछले दिनों हुई बर्फबारी में दो जवान बर्फ में दफन, पांच लापता हो गए। कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के निकट मंगलवार को बर्फीले तूफान के साथ हुए हिमस्खलन में बीएसएफ के एक सब इंस्पेक्टर सहित दो जवानों की मौत हो गई, जबकि सेना के पांच जवान लापता हैं। भारी बर्फबारी के बीच सेना और बीएसएफ ने संयुक्त बचाव अभियान चला रखा है।
घटना सुबह करीब सवा सात बजे केरन सेक्टर से आठ किलोमीटर दूर गडरडोर व कुलगन इलाके की है। बीएसएफ की 126 वाहिनी और सेना के जवान शिविर और बाहरी चौकी के बीच बर्फ हटाने का काम कर रहे थे। इसी बीच, अचानक बर्फीला तूफान आ गया और जवान बर्फ के बवंडर में फंस गए। तभी हिमस्खलन भी हो गया और सातों जवान कई फीट बर्फ के नीचे दब गए। घटना का पता चलते ही स्थानीय शिविरों और गुलमर्ग से बचाव दलों को लापता सैनिकों का पता लगाने के लिए भेजा गया। दोपहर करीब 1.30 बजे बर्फ में दबे दो जवानों के शव बरामद किए गए, जिनकी पहचान बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर नरिंद्र कुमार निवासी भोजपुर आरा बिहार और कांस्टेबल राजेश निवासी जिला गडग कर्नाटक के रूप में हुई है। बीएसएफ के प्रवक्ता और रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जेएस बरार ने कहा कि घटनास्थल दुर्गम और भारी बर्फ जमा होने के कारण बचाव अभियान में बाधा आ रही है, लेकिन जवानों की तलाश में अभियान जारी है।
ज्ञातव्य है कि मौसम विभाग ने पहले ही कश्मीर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों और खासतौर से नियंत्रण रेखा के आसपास बर्फीले तूफान और हिमस्खलन की आशका जता रखी है। दो दिन पूर्व गुलमर्ग में भी बर्फीला तूफान आया था, जिसमें चार विदेशी पर्यटकों सहित एक स्थानीय गाइड फंस गया था, जिन्हें बचा लिया गया था।