बाल यौन
शोषण से निपटने विधेयक को मंजूरी
(शरद
खरे)
नई दिल्ली
(साई)। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बाल यौन शोषण से निपटने के लिए एक विधेयक को मंजूरी
दी है। इस विधेयक में व्यवस्था की गयी है कि १८ वर्ष से कम उम्र के किसी भी नाबालिग
के साथ यौन उत्पीड़न के इरादे से किये गये शारीरिक सम्पर्क को गैर कानूनी माना जायेगा।
प्राप्त
जानकारी के अनुसार विधेयक में बच्चों के साथ किसी भी तरह के यौन अपराध के दोषी व्यक्ति
को तीन वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक के दंड का प्रस्ताव किया गया है। विधेयक में
बच्चों के साथ होने वाले गंभीर यौन अपराधों के लिये दस वर्ष तक के कारावास का सुझाव
दिया गया है जिसे आजीवन कारावास की सजा तक बढाया जा सकता है।
देश भर
में नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों की बढ़ती घटनाओं को रोकने के उद्देश्य
से महिला और बाल विकास मंत्रालय ने यह विधेयक पेश किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने
सस्ती स्वास्थ्य सेवा के बारे में संयुक्त उद्यम कार्यक्रम लागू करने को भी मंजूरी
दे दी है।
विभागीय
सूत्रों ने बताया कि इस पर वर्ष २०११-१२ से पांच वर्षों तक ३७० करोड़ से अधिक खर्च होंगे।
इस साझा उद्यम कार्यक्रम के तहत भारतीय संस्थानों में सस्ती दवाइयां, टीके, स्टेम सेल जैसे उत्पाद विकसित
करने के लिए सहायता दी जाएगी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने हरियाणा में गुड़गांव के बिनोला
और बिलासपुर गांवों में २०५ एकड़ जमीन के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी। इस जमीन पर एक अरब
६२ करोड़ रूपये की लागत से भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना की जायेगी।
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