शुक्रवार, 27 अप्रैल 2012

मशहूर अदाकरा जोहरा हुईं शतायु

मशहूर अदाकरा जोहरा हुईं शतायु

(दीपक अग्रवाल)

नई दिल्ली (साई)। रूपहले पर्दे की दुनिया में जाने पहचाने नाम कपूर खानदान की चार पीढ़ियों के साथ काम करने वाली मशहूर अदाकारा जोहरा सहगल सौ साल की हो गईं हैं। पदमश्री और पदम विभूषण से सम्मनित जोहरा सहगल के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही है।

जोहरा सहगल का नाम लेते ही फिल्मी दुनिया की एक ऐसी शख्सियत का चेहरा नजरों के सामने उभरता है जो कहने को तो बुजुर्ग है लेकिन जिसकी जीवंतता को उम्र छू भी नहीं पाई है। विलक्षण प्रतिभा और ऊर्जा से भरपूर ऐसी अभिनेत्री जिसने फिल्मी दुनिया की चार पीढ़ियों (पृथ्वीराज कपूर से रणबीर कपूर तक) को न सिर्फ देखा है बल्कि सात दशक के अपने करियर में उनके साथ काम किया है।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनपीएफ) की लाडली ऑफ सेंचुरी जोहरा आज सौ साल की हो गईं हैं। 27 अप्रैल, 1912 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जन्मीं जोहरा का जीवन के प्रति उत्साह और उनके मोहक अंदाज का आज भी कोई जोड़ नहीं है। देहरादून के पास चकराता में पली-बढ़ी जोहरा को भारत सरकार वर्ष 1998 में पद्मश्री और वर्ष 2010 में पद्म विभूषण से सम्मानित कर चुकी है।
जोहरा का असली नाम साहिबजादी जोहरा बेगम मुमताजुल्ला खान है। उनका जन्म 27 अप्रैल, 1912 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रोहिल्ला पठान परिवार में हुआ। वह मुमताजुल्ला खान और नातीक बेगम की सात में से तीसरी संतान हैं। हालांकि जोहरा का पालन-पोषण सुन्नी मुस्लिम परंपराओं में हुआ, लेकिन वह बचपन से ही विद्रोह मानसिकता की थीं।
लाहौर से स्कूली शिक्षा और स्नातक करने के बाद जोहरा अपने मामा के साथ जर्मनी चली गई। वहां उन्होंने खुद को बुर्के से आजाद कर लिया और संगीत की शिक्षा ली। वर्ष 1935 में जोहरा जाने-माने नर्तक उदय शंकर से मिलीं और उनके डांस ग्रुप का हिस्सा बन कर पूरी दुनिया घूमीं।
वर्ष 2007 में फिल्म चीनी कम में अमिताभ बच्चन की बिंदास मां की भूमिका निभा चुकीं जोहरा ने 14 साल तक पृथ्वी थियेटर के साथ काम किया। वह भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) से भी जुड़ी रही हैं। उन्होंने हम दिल दे चुके सनम, दिल से, और सांवरिया जैसी बीस से अधिक बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है। उन्होंने 1935 में बतौर डांसर काम आरंभ किया था।
थियेटर को अपना पहला प्यार मानने वाली जोहरा ने पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थियेटर में करीब 14 साल तक काम किया। इस दौरान उन्होंने कई फिल्मों में भी काम किया। जिनमें हम दिल दे चुके सनम, बेंड इट लाइक बेकहम और चीनी कम जैसी फिल्में शामिल हैं।
उदय शंकर के साथ जापान, मिस्त्र, यूरोप और अमेरिका सहित कई देशों में अपने डांस कार्यक्त्रम पेश किए। वह काफी दिनों तक ब्रिटेन में रहीं और अंग्रेजी फिल्मों में भी काम किया। वैज्ञानिक, पेंटर व डांसर कमलेश्वर सहगल से 1942 में शादी की। वर्तमान में वह ओड़िशी नृत्यांगना अपनी बेटी किरण सहगल के साथ दिल्ली में रहती हैं।
उधर, दिल्ली से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो कार्यालय से मणिका सोनल ने बताया कि प्रसिद्ध नृत्यांगना और अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री जोहरा सहगल 27 अप्रैल को 100 साल की हो जाएंगी। इस मौके पर उनकी बेटी किरण सहगल अपनी मां को एक विशेष उपहार देने की तैयारी में हैं। किरण ने अपनी मां के जीवन पर एक किताब लिखी है जोहरा सहगल फैटी। इस किताब में किरण ने एक सख्त मिजाज और अपने वजन को लेकर हमेशा चिंतित रहने वाली मां के बारे में बताया है।
कुछ दिनों पहले 67 वर्षीय किरण (प्रख्यात ओड़िशी नृत्यांगना) ने अपनी मां को उनकी जीवनी का कवर पेज दिखाया, जिस पर लिखा था जोहरा सहगल फैटी। दरअसल किरण इस शीर्षक पर अपनी मां की प्रतिक्रिया जानना चाहती थीं। यह देखते ही जोहरा ने तपाक से कहा, तुमने प्रकाशक से फैटी के साथ हिटलर लिखने को क्यों नहीं कहा। इतना कहकर वह खिलखिला पड़ीं।
प्रस्तुत है जोहरा सहगल के फिल्मी सफर की दास्तान

-वर्ष 1945 में पृथ्वी थियेटर में 400 रुपये मासिक वेतन पर काम शुरू किया। इसी दौरान इप्टा ग्रुप में शामिल हुई।

-वर्ष 1946 में ख्वाजा अहमद अब्बास के निर्देशन में धरती के लाल और चेतन आनंद की फिल्म नीचा सागर में काम किया।

-धरती के लाल भारत की पहली फिल्म थी, जिसे कान फिल्म समारोह में गोल्डन पाम पुरस्कार मिला।

-मुंबई में जोहरा ने इब्राहीम अल्काजी के प्रसिद्ध नाटक दिन के अंधेरे में बेगम कुदसिया की भूमिका निभाई।

-गुरुदत्त की वर्ष 1951 में आई फिल्म बाजी तथा राजकपूर की फिल्म आवारा के प्रसिद्ध स्वप्न गीत की कोरियोग्राफी भी की।

-1964 में बीबीसी पर रुडयार्ड किपलिंग की कहानी में काम करने के साथ ही 1976-77 में बीबीसी की टेलीविजन श्रृंखला पड़ोसी नेबर्स की 26 कड़ियों में प्रस्तोता की भूमिका निभाई।

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