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. और सचिन हो गए कांग्रेस के ब्रांड एम्बेसेडर
राहुल
को महिमा मण्डित करने चल पड़ा टोटकों का दौर
दिग्गी
के हटते ही अहमद ने दिखाए तेवर
(लिमटी
खरे)
नई दिल्ली
(साई)। देश भर में कांग्रेस के गिरते जनाधार से अब लगने लगा है कि कांग्रेस के युवराज
राहुल गांधी की ताजपोशी की राह शूल ही शूल भरी है। कांग्रेस के आला नेता अब राहुल गांधी
के लिए टोने टोटकों का सहारा लिया जाने लगा है। घपले घोटालों और भ्रष्टाचार में आकण्ठ
डूबी कांग्रेसनीत संप्रग सरकार के कारनामों की ओर से ध्यान हटाने के लिए अब देश के
क्रिकेट जगत के कथित भगवान सचिन तेंदुलकर को कांग्रेस का ब्राण्ड एम्बेसेडर बनाने की
चाल चली जा रही है।
सचिन
तेंदुलकर का नाम राज्य सभा के लिए उछलने के बाद सियासी गलियारों में बहस तेज हो गई
है। कहा जा रहा है कि पेप्सी कोला जैसे विदेशी ब्राण्ड्स को हिन्दुस्तान में प्रमोट
करने के विज्ञापन करने वाले सचिन ने कभी भी स्वदेशी के लिए प्रमोशनल काम नहीं किया
है। अब इटली मूल की श्रीमति सोनिया गांधी के चरण धोकर वे अपने आप को कांग्रेसी बना
रहे हैं, जिससे उनके प्रशंसकों में मायूसी छाने लगी है।
भारतीय
क्रिकेट के धुरंधर खिलाड़ी सचिन तेन्दुलकर को सरकार ने राज्यसभा के लिए मनोनीत करने
का निश्चय किया है। एक विशेष प्रावधान के तहत गैर राजनीतिक क्षेत्र से सरकार राज्यसभा
के लिए 12 लोगों का मनोनयन कर सकती है। इसी प्रावधान के तहत सरकार ने सचिन तेन्दुलकर
सहित अभिनेत्री रेखा को राज्यसभा भेजने की बात सामने आई है। दो अन्य नामों का खुलासा
अभी नहीं किया गया है।
उधर, कांग्रेस के सत्ता और शक्ति
के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ के सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को दिन में सचिन तेंदुलकर ने अपनी पत्नी
अंजलि के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की थी। सूत्रों
ने बताया कि क्रिकेट की दुनिया में बुलंदियां छू चुके 39 वर्षीय तेंदुलकर और हिन्दी
सिनेमा की 80 के दशक की मशहूर अभिनेत्री रेखा संविधान के एक प्रावधान के तहत संसद के
उच्च सदन की सदस्यता हासिल करेंगे।
मनमोहन
सरकार द्वारा तेन्दुलकर का नाम घोषित करने से ज्यादा चौंकानेवाला नाम अभिनेत्री रेखा
का है। गुजरे जमाने की सदाबहार अभिनेत्री और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ लंबे
समय तक चर्चाओं में रही रेखा के राज्यसभा पहुंचने से कम से अमिताभ बच्चन के लिए बहुत
सुखद संयोग होगा जब उनकी पूर्व प्रेमिका और वर्तमान पत्नी दोनों राज्यसभा में नजर आयेंगी.
अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन को समाजवादी पार्टी ने अपने टिकट पर राज्यसभा पहुंचाया
है।
उल्लेखनीय
होगा कि सचिन को भारत रत्न देने की मांग जोर शोर से उठ रही थी। भाजपा नेता गोपीनाथ
मुण्डे का कहना है कि कांग्रेस या सरकार को अगर सचिन का सम्मान ही करना था तो उन्हें
राज्यसभा सीट देने के बजाय ‘भारत रत्न‘ दिया जाना चाहिए था।
शिवसेना
प्रवक्ता संजय राउत ने इस मामले में कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि
विश्व कप दिलाने वाले कप्तान कपिल देव या लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर जो सन्यास ले
चुके हैं को राज्य सभा से भेजा जाना चाहिए था, पर चतुर सुजान कांग्रेस के नेताओं ने अब भी क्रिकेट खेल रहे सचिन का चुनाव
किया।
कांग्रेस
के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि यह सब कुछ सोनिया गांधी
के राजनैतिक सचिव अहमद पटेल का रचा खेल है। जैसे ही राजा दिग्विजय सिंह को राहुल गांधी
के पास से हटाया गया और अहमद पटेल को तवज्जो मिलना आरंभ हुआ अहमद पटेल ने अपने आप को
साबित करना आरंभ कर दिया है।
उक्त
पदाधिकारी ने कहा कि अहमद पटेल ने अब राहुल गांधी को सियासी हल्कों में स्थापित करने
के लिए सचिव तेंदुलकर को आगे किया है और समाजवादी पार्टी को झटका देने के लिए उन्होंने
रेखा का नाम आगे बढ़ाया है। गौरतलब है कि एक जमाने में अमिताभ रेखा और अमिताभ कांग्रेस
(राजीव गांधी) की जुगल जोड़ी बेहद मशहूर थी। अब यह गुजरे जमाने की बात हो चुकी है। अब
रेखा और अमिताभ तथा अमिताभ और कांग्रेस एक दूसरे के बारे में ना तो कुछ बोलते हैं और
ना ही बोलने के इच्छुक दिखते हैं।
गौरतलब
है कि पहले भी लोगों को लुभाने के लिए कांग्रेस भाजपा द्वारा रूपहले पर्दे के सितारों
को सीढ़ी बनाकर सत्ता की मलाई चखी है। पिछले दिनों एक केंद्रीय मंत्री की जमानत पर गोविंदा
राजनीति में आए पर बाद में उन्हें अन्य सितारों के मानिंद राजनीति रास नहीं आई। कीर्ति
आजाद के बाद अब सचिन पर दांव खेलकर कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी को महिमा मण्डित करने
का प्रयास कियाजा रहा है जिसकी अच्छी प्रतिक्रिया दिखाई नहीं दे रही है।
उधर सरकारी
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटील ने जाने-माने क्रिकेट खिलाड़ी
सचिन तेंदुलकर, प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री रेखा और अनुआगा को राज्यसभा मे मनोनीत करने को मंजूरी
दे दी है। प्रधानमंत्री ने कल गृह मंत्रालय को इस बारे में एक विज्ञप्ति भेजी थी जिसे
अधिसूचना के लिए राष्ट्रपति को भेज दिया गया।
बताया
जाता है कि जैसे ही सचिन की राज्य सभा सदस्य बनने की बात फिजां में तैरी वैसे ही सोेशल
नेटवर्किंग वेब साईट्स पर से भारी मात्रा में उनके फालोअर्स ने सचिन को अनफालो करना
आरंभ कर दिया है। चर्चा तो यहां तक भी है कि कांग्रेस की नकारात्मक छवि के चलते कहीं
सचिन को इसका खामियाजा ना उठाना पड़ जाए।
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