मध्यप्रदेश की तिगारा पंचायत को राष्ट्रीय
गौरव ग्राम सभा सम्मान
(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)। मध्यप्रदेश के धार
जिले की आदिवासी बहुल तिलगारा ग्राम सभा की सरपंच श्रीमती जामबाई मुनिया को आज यहां
राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार वर्ष 2012 के लिए सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री
राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा सम्मान के रूप में प्रशस्ति पत्र और 5 लाख रूपये की पुरस्कार राशि
प्रदान की।
इसके अलावा मध्यप्रदेश की जिला धार
और सीहोर तथा जनपद पंचायत हरदा और शाहपुर (बैतूल) को भी ग्राम विकास के दायित्वों के
श्रेष्ठतम निर्वहन के लिए पुरस्कृत किया गया। यह पुरस्कार आज यहां विज्ञान भवन में
राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस के अवसर पर आयोजित सम्मेलन मंे दिया गया। कार्यक्रम में
केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री वी0 कृष्णचन्द्र देव, केन्द्रीय ग्रामीण विकास
मंत्री श्री जयराम रमेश और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मामलों के मंत्री पवन सिंह घाटोवार
ने श्रेष्ठ पंचायतों को उल्लेखनीय कार्यों के लिए पुरस्कृत किया।
धार जिले की ग्राम पंचायत तिलगारा
एक आदर्श ग्राम पंचायत है जहां पर अर्स्पश्यता, छुआछूत सामाजिक कुरीतियांे
का कोई स्थान नहीं है। ग्राम सभा में समाज के सभी वर्ग के सदस्य एक साथ बैठकर एक मत
से निर्णय लेते हैं। ग्राम-पंचायत क्षेत्र में लैंगिक भेद को कोई स्थान नहीं है। यहां
की महिला सरपंच अनुसूचित जनजाति वर्ग की है एवं निर्वाचित पंच पुरूषों के साथ कंधे
से कंधा मिलाकर ग्राम के विकास कार्यों में अग्रसर हैं।
समारोह में मध्यप्रदेश की श्रेष्ठ
14 ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत किया गया। इनमें हरदा जिले की ग्राम-पंचायत रायबोरे
और भाटपरेरिया, गुना की म्याना, हिनोतिया, रामनगर (लोधपुरा) और जामरा,
होशंगाबाद
की पगडाल और बनखेड़ी, सागर की चिरारी, खरगोन की नॉंदिया, धार की सिंघाना ओर नरसिंहपुर
जिले की बुधवार ग्राम-पंचायत शामिल है। इसके साथ ही पंचायतों का सशक्तिकरण तथा जवाबदेही
प्रोत्साहन पुरस्कार योजना-2012 में चयनित इन जिला-पंचायत धार और
सीहोर को 25-25 लाख और जनपद पंचायत हरदा और शाहपुर (बैतूल) को 15-15 लाख तथा ग्राम-पंचायतों
को 5-5 लाख रूपये की पुरस्कार राशि दी गई।
समारोह में मध्यप्रदेश से त्रिस्तरीय
पंचायती राज संस्थाओं का 65 सदस्यीय दल शामिल हुआ। इस अवसर पर आयुक्त पंचायती राज
विश्वमोहन उपाध्याय के साथ पंचायत धार के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीपक सिंह सहित अन्य
वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
के नेतृत्व में पंचायती राज व्यवस्था के सुचारू क्रियान्वयन के जरिये ये संस्थायें
सशक्त होकर विकास कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। अधिकांश पंचायत राज
संस्थायें जवाबदेही के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही हैं। यही वजह है कि
प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में तरक्की की तेज रफ्तार से आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक परिवर्तन
भी देखा जा सकता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें