सोमवार, 21 मई 2012

आदिवासियों के मुंह से निवाला छीना दलालों और राजस्व अधिकारियों ने


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  86

आदिवासियों के मुंह से निवाला छीना दलालों और राजस्व अधिकारियों ने

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के छटवीं सूची में अधिसूचित आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकास खण्ड के ग्राम बरेला में स्थापित किए जाने वाले 1260 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट में जमीनों की खरीद फरोख्त में किसानों को छलने वाले किसानों की अज्ञानता का लाभ उठाकर कांग्रेस और भाजपा का संरक्षण प्राप्त दलालों ने उन्हें जमकर छला है।
धरने पर बैठे किसानों का आरोप है कि उनकी अज्ञानता और भोलेपन का फायदा उठाकर सरकारी कारिंदों और जनप्रतिनिधियों  ने बहला फुसलाकर उनकी जमीन कोड़ियों के भाव हथिया ली है। किसानों का आरोप है कि उन्हें काफी बाद में जमीन अधिग्रहण से जुड़े पर्नवास प्रावधानों और नियमआदि की जानकारी मिली। जब समूची स्थिति किसानों के सामने आई तो उन्होंने अपने आप को ठगा सा महसूस किया।
बताया जाता है कि इस करोबार में प्रशासनिक अमले, जनप्रतिनिधि और उनके विश्वस्त गुर्गे शामिल थे। कहा जा रहा है कि राजनेतिक पृष्ठभूमि वाले लोगों के इशारों पर उनके गुर्गों ने जमीन के मामले में गौतम थापर और इस संयंत्र प्रबंधन के दलालों की भूमिका अदा की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुनर्वास प्रावधानों के तहत उन्हें जमीन की खरीद पर चार लाख तीस हजार रूपए के अतिरिक्त नौ लाख 14 हजार रूपए का पुनर्वास पैकेज और 36 लाख रूपए का विशेष पुनर्वास पैकेज मिलना था। किसानों के बीच चल रही चर्चाओं को अगर सही माना जाए तो यह पूरी राशि नेताओं ने अपने गर्गों, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार राजस्व आदि के साथ मिलकर आपस में बांट ली गई है।

(क्रमशः जारी) 

कोई टिप्पणी नहीं: