भूरिया शायद ही
करें लखनादौन की ओर रूख
लखनादौन में
कांग्रेस का ‘वाकओवर‘!
(संजीव प्रताप
सिंह)
सिवनी (साई)।
केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के प्रभाव वाले महाकौशल अंचल में मध्य प्रदेश विधानसभा
उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर की कर्मभूमि सिवनी जिले में कांग्रेस ने भाजपा और एक
निर्दलीय प्रत्याशी के सामने घुटने टेक दिए हैं। कांग्रेस की ओर से नगर पंचायत
लखनादौन में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के द्वारा नाम वापसी के अंतिम दिन अपना पर्चा
वापस लेने के नौ दिनों के उपरांत भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए किसका समर्थन
करेगी इस पर से कुहासा हट नहीं सका है। उधर, अंडरवर्ल्ड डॉन की माशुका और फर्जी पासपोर्ट
मामले की आरोपी मोनिका बेदी के लखनादौन में रोड़ शो करने की खबरें भी आ रही हैं।
ज्ञातव्य है कि
आदिवासी बाहुल्य लखनादौन विधानसभा क्षेत्र जो कि आनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित
है के तहसील मुख्यालय लखनादौन में होने वाले अध्यक्ष पद के चुनावों के लिए
कांग्रेस की ओर से उतारे गए प्रत्याशी ने अपना नाम अंतिम दिन वापस ले लिया था, जिससे कांग्रेस की
बुरी तरह किरकिरी हुई।
इस संबंध में
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया द्वारा समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को
दूरभाष पर बताया गया था कि अध्यक्ष के नाम वापस लेने के बाद कांग्रेस द्वारा अपने
डमी प्रत्याशी जिसे निर्दलीय के तौर पर उतारा गया था को अपना समर्थन दे दिया
जाएगा। यहां उल्लेखनीय होगा कि लखनादौन में निर्दलीय के बतौर नूर बी और सुधा राय
ही मैदान में हैं।
इस तरह की खबरों के
आने के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ता असमंजस मे हैं कि आखिर वह कौन है जिसे कांग्रेस
ने अपना डमी बनाकर मैदान में उतारा था। इसका कारण यह है कि सुधा राय और नूर बी
दोनों ही के परिजनों द्वारा कांग्रेस को कई मोर्चों में संकट में डाला है। कांग्रेस
के कार्यकर्ताओं के बीच चल रही चर्चाओं के अनुसार कांग्रेस यहां कौन सी रणनीति
अपना रही है कि कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाने वाले को कांग्रेस द्वारा निर्दलीय
के बतौर मैदान में उतारा गया!
गौरतलब होगा कि
कांग्रेस के शिरोमणी रहे पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
सोनिया गांधी और युवराज राहुल गांधी भी आदिवासी प्रेम के चलते लखनदौन में अपनी आमद
दे चुके हैं। इतना ही नहीं छिंदवाड़ा की पूर्व कांग्रेस नेत्री और भाजपा की पूर्व
सांसद सुश्री अनुसुईया उईके ने जब लखनादौन से भाजपा के प्रत्याशी के बतौर विधानसभा
चुनाव लड़ा था तब तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी रणधीर सिंह को जिताने के लिए
केंद्रीय मंत्री कमल नाथ ने एड़ी चोटी एक कर दी थी।
इन सारे समीकरणों
के बावजूद भी कांग्रेस द्वारा पता नहीं कौन सी रणनीति आदिवासी बाहुल्य लखनादौन
तहसील की लखनादौन नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपनाई जा रही है कि नाम वापसी के
नौ दिन बीत जाने के बाद भी कांग्रेस ने अपने पत्ते इस बारे में नहीं खोले हैं कि
उसका अध्यक्ष पद के लिए किसे समर्थन होगा?
स्थानीय निकाय
चुनावों में एक ओर जहां मालवांचल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांति लाल भूरिया
द्वारा पूरी ताकत झोंकी जा रही है वहीं महाकौशल की इस प्रतिष्ठापूर्ण सीट पर
भूरिया की अनदेखी समझ से ही परे नजर आ रही है। इस संबंध में जब उनसे संपर्क करने
का प्रयास किया गया तो उनके भोपाल स्थित आवास से पता चला कि वे स्थानीय निकाय
चुनावों के मद्देनजर मालवा क्षेत्र के दौरे पर हैं साथ ही साथ उनका मोबाईल सदा की
ही भांति स्विच ऑफ ही मिला। माना जा रहा है कि भूरिया इस संबंध में मीडिया से
चर्चा करने से बच ही रहे हैं।
सिवनी जिले के
लखनादौन नगर पंचायत चुनावों में अपनी बुरी तरह भद्द पिटवाने के बाद कांग्रेस में
चल रही चर्चाओं को अगर सही माना जाए तो पंचायत चुनावों तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी
के अध्यक्ष कांति लाल भूरिया शायद ही लखनदौन की ओर रूख करें। माना जा रहा है कि
कार्यकर्ताओं के आक्रोश और मीडिया के प्रश्नों से बचने के लिए वे अपना पूरा समय
मालवा में ही बिताना चाह रहे हैं।
कहा तो यहां तक जा
रहा है कि लखनादौन में कांग्रेस के आला नेता भी आकर प्रचार करने से बच रहे हैं।
इसका कारण यह बताया जा रहा है कि अगर जनता अथवा कांग्रेस के कार्यकर्ता या मीडिया
द्वारा यह पूछ लिया गया कि कांग्रेस ने आखिर यह चाल क्यों चली? तो इसका जवाब शायद
ही किसी नेता के पास हो!
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