शनिवार, 21 जुलाई 2012

मैदानी इलाकों की ओर बढ़ेगा मानसून


मैदानी इलाकों की ओर बढ़ेगा मानसून

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश में रूठे मानसून के अब मैदानी इलाकों की ओर बढ़ने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। देश के अनेक हिस्सों में तेज हवाओं के चलने की खबर है। देश के मध्य और पूर्वी भागों में कई स्थानों पर मॉनसून के फिर सक्रिय होने की उम्मीद है।
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम तट और उससे सटे ओड़िशा तथा पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में हवा के कम दवाब का क्षेत्र बन गया है। इसके पश्चिम-उत्तर पश्चिम में ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की तरफ बढ़ने की संभावना है। इसके परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, ओड़िशा, और छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर और झारखंड तथा बिहार के कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है।
उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों मे पिछले ३६ घंटों के दौरान भारी वर्षा हुई है। वर्षा के कारण कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार बारिश के कारण कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। हमारे इलाहाबाद संवददाता ने खबर दी है कि सिद्धार्थनगर जिले में बूढ़ी, राप्ती और महाराजगंज जिले में रोहिन नदी खतरे के निशान के बिल्कुल निकट पहुंच गई है।
उधर, समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के उत्तर प्रदेश ब्यूरो दीपांकर श्रीवास्तव ने बताया कि लगातार हो रही बरसात से कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है। लगातार बरसात से इलाहाबाद कौशाम्बी, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, सुल्तानपुर, रायबरेली, छत्रपति साहुजी महाराजनगर जिलों में सड़क यातायात, दूरसंचार और  बिजली व्यवस्था पर विपरीत असर पड़ा है।
इन जिलों में कई स्थानों पर बरसात का पानी स्कूल और सरकारी कार्यालयों के भवनों में भी घुस गया है। हालांकि भारी बरसात से पूरे उत्तर प्रदेश में उमस से लोगों को काफी राहत मिली है। मौसम के जानकारों ने अगले २४ घंटों के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर जबकि पश्चिमी इलाकों में  कुछ स्थानों पर बरसात की भविष्यवाणी की है।
इधर, सरकार ने कहा है कि जिन किसानों की फसलों को शीतलहर या पाला गिरने से नुकसान पहुंचेगा, उन्हें वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके अलावा चीनी मिलों द्वारा गन्ना उत्पादकों को दिया जाने वाला मूल्य बढ़ाकर १७० रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इस फैसले का उद्देश्य किसानों की स्थिति में सुधार लाना है। नई दिल्ली में जारी सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि आर्थिक मामलों से संबद्ध मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन वर्ष २०१२-१३ के लिए चीनी मिलों द्वारा किसानों के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य १७० रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।

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