सपा का एक मंत्री
सजाता है राजदरबार
(गौरव अग्रवाल)
आगरा (साई)। भारतीय
शासन प्रशासन की मान्यता के अनुसार अब देश में राजे महाराजे ख़तम हो गए हैं लेकिन
उत्तर प्रदेश सरकार में आज भी एक महाराजा जिन्दा हैं जोकि राजशी ठाठ भोग रहा हैं।
ये महाराजा हैं उत्तर प्रदेश सरकार के वर्तमान परिवहन मंत्री महाराजा अरिदमन सिंह।
इनका आज भी आगरा के भदावर हाउस स्तिथ महल में राज दरबार लगता हैं।
एक वक्त में राजा
महाराजाओं का शासन था जहाँ जनता की समस्याएं सुनी जाती थी व जनता के साथ न्याय
किया जाता था लेकिन यहाँ इस राजा के दरबार में जाति विशेष की ही सुनी जाती है। यही
नहीं, इस राज
दरबार में आने वाले हर शख्स पर पैनी निगाह राखी जाती है व उसकी जाति पूछकर ही
अन्दर आने दिया जाता है। चूंकि सत्ता सपा की है ऐसे में गुंडई तो विरासत में मिली
है। यही कारण है कि इस राजा के दरबार में सिर्फ गुंडे पाले ही नहीं जाते बल्कि
उनका बाकायदा सम्मान किया जाता है। भले ही अरिदमन सिंह जनता के मंत्री हैं लेकिन
हैं तो राजा। इसलिए राजा के आस पास किसी को बैठने नहीं दिया जाता क्योंकि आज भी
महाराज का स्थान अलग है व जनता उन्हें दंडवत प्रणाम करती है।
हालांकि इसमें
महाराज का दोष नहीं हैं क्योंकि वह इस मुगालते में हैं कि आज भले ही 21 वीं सदी चल रही हो
लेकिन राजा महाराजा तो सदा के लिए होते हैं। उनका किसी लोकतंत्र के होने न होने से
बहुत फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि इस राजा का बजा जनता कई बार इन्हें हराकर बजा
चुकी है लेकिन बाबजूद इसके राजा की सेहत पर कोई असर नहीं है। बताया जाता है कि आज
भी यह परंपरा है कि जब राजा वोट मांगने जाते हैं तब उनके समर्थकों के द्वारा एक
स्वाफी बिछा दी जाती है जिसमें अपने सामर्थ्य के अनुसार क्षेत्र की जनता धन रख
देती है। इस तरह चुनाव में जनसमर्थन के साथ ही धन समर्थन भी हासिल हो जाता है।
लेकिन राजा अरिदमन
के इस दरबार का मतलब यह नहीं है कि उन्हें क्षेत्र के सवर्णों समर्थन हासिल है।
हालात तो यह हैं कि राजा का स्थानीय ब्राह्मणों से छत्तीस का आंकड़ा है। कारण
बहुतेरे हैं लेकिन चर्चा यही रहती है कि राजा ने अपने राजा होने के गुरूर में
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अपमान कर दिया था और उन्हें
माल्यार्पण करने से मना कर दिया था जिसके बाद से ब्राह्मण समाज ने उनका बहिष्कार
कर रखा है।
बहरहाल, भले ही प्रदेश के
मुख्यमंत्री लखनऊ में जनता दरबार लगाकर उनकी शिकायतें सुनते हों लेकिन वे भी यह
जान लें कि उनके कैबिनेट में एक ऐसा भी मंत्री है जो उनसे बड़ा शासक है। वह राजा है
और उसका नाम अरिदमन सिंह है। प्रदेश में भले ही किसी और की चलती हो लेकिन यहां
आगरा के बाह में सिर्फ एक ही राजा की हुकूमत चलती है। उस राजा की जिसके सामने जाने
से पहले किसी को भी सिर झुकाना पड़ता है। जिसने ऐसा नहीं किया उसको इसकी कीमत
चुकानी पड़ती है।
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