शुक्रवार, 23 नवंबर 2012

हंगामेदार सत्र का आगाज!


हंगामेदार सत्र का आगाज!

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे के साथ आरंभ हुआ। संसद के शीत सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। थ्क्प् को लेकर विपक्ष के भारी शोर-शराबे की वजह से लोकसभा को दूसरी बार स्थगित करना पड़ा है। राज्यसभा को भी पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है।
शीत सत्र की शुरुआत जोरदार हंगामे के साथ हुई। कार्यवाही शुरु होते ही विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके चलते दोनों सदनों को 12 बजे के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, समाजवादी पार्टी और बीएसपी के सदस्यों ने हंगामा कर दिया। बीएसपी ने एससी एसटी रिजर्वेशन को लेकर तो बीजेपी और टीएमसी ने मल्टि-ब्रैंड रीटेल को लेकर हंगामा शुरू किया। बीजेपी की मांग थी कि इस मुद्दे पर चर्चा के साथ वोटिंग कराई जाए।
इससे पहले टीएमसी की तरफ से लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था। इसी के साथ नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने एफडीआई पर चर्चा और वोटिंग के लिए नोटिस दिया। जब हंगामा शांत नहीं हुआ, तो लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित कर दिया।
जैसे ही 12.30 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु हुई, हंगामा शुरू हो गया। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने टीएमसी के अविश्वास मत के नोटिस को रिजेक्ट कर दिया। इसके लिए 54 सांसदों का समर्थन जरूरी था, जिसे जुटाने में टीएमसी नाकाम रही। भारी शोर-शराबे के बीच लोकसभा को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। ऐसे ही हालात राज्यसभा में भी देखने को मिले, जिस वजह से सदन को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
गुरुवार को शीतकालीन सत्र की हंगामेदार शुरुआत के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी को करारा झटका लगा. उनकी पार्टी के द्वारा पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव जरूरी समर्थन ना मिल पाने की वजह से लोकसभा में गिर गया. संसद की कार्यवाही शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था. साथ ही लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता और वरिष्ठ बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने लोकसभा में स्पीकर को एफडीआई पर चर्चा और वोटिंग के लिए नोटिस दिया. (टीएमसी) के प्रस्ताव को सिर्फ बीजेडी से ही समर्थन मिल पाया.
गुरुवार को संसद का सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एफडीआई के मुद्दे पर सभी पार्टियों से सरकार का साथ देने की अपील की. उन्होंने कहा कि देश को निवेश की जरूरत है. सरकार हरेक मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है.श् इसके जवाब में बीजेपी नेता बलबीर पुंज ने कहा कि पीएम के इस बयान का कोई मतलब नहीं है. इस बीच सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि हमारी नीति साफ है कि संसद चलनी चाहिए.
संसद के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सत्र के दौरान सदन की बीस बैठकें होंगी और सरकार ने लोकपाल, भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने वालों की सुरक्षा तथा महिला आरक्षण सहित २५ विधेयक पेश करने की तैयारी की है। सत्र के दौरान कंपनी विधेयक, बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक, बीमा कानून संशोधन विधेयक और पेंशन फंड नियामक तथा विकास प्राधिकरण विधेयक पर भी विचार होने की संभावना है। वर्तमान वित्त वर्ष की अनुपूरक मांगों पर बहस के अलावा दस नये विधेयक भी पेश किये जाने हैं। 

1 टिप्पणी:

Alok Mohan ने कहा…

are wo neta hi kya jo shor na machaye