रविवार, 4 नवंबर 2012

कंपनी के खर्च पर फिर मौज करेंगे चिकित्सक!


कंपनी के खर्च पर फिर मौज करेंगे चिकित्सक!

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। जैनरिक दवाओं के स्थान पर मंहगी ब्रांडेड दवाओं को लिखने के एवज में दवा कंपनियों द्वारा चिकित्सकों को दिए जाने वाले अप्रत्यक्ष कमीशन के रास्ते फिर खुल सकते हैं। कहा जा रहा है कि अगर चिकित्सक चिकित्सा संबंधी अधिवेशन में देश विदेश नहीं जाएंगे तो वे नए शोध से कैसे रूबरू हो सकेंगे।
डॉक्टरों के दवा कंपनियों द्वारा प्रायोजित देश-विदेश के दौरों पर लगी रोक हटाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। ये दौरे चिकित्सा संबंधी कॉन्फ्रेंसेज आदि में हिस्सा लेने के लिए किए जाते थे और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने इन पर दिसंबर 2009 में रोक लगा दी थी। आरोप था कि इन दौरों के बहाने दवा कंपनियां डॉक्टरों को उपकृत करती थीं और फिर उसका फायदा उठाती थीं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पी। के। प्रधान को लिखे एक पत्र में कहा है कि अपने विषय में अपडेट रहने के लिए डॉक्टरों का कॉन्फ्रेंसेज में हिस्सा लेना जरूरी होता है, इसलिए उन्हें फिर से प्रायोजित दौरों पर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल इस मामले में जल्द ही एक बैठक भी बुलाने जा रहा है, जिसमें एमसीआई के अधिकारियों को भी बुलाया जाएगा।

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