गुरुवार, 1 नवंबर 2012

डेंगू के डंक से डरे स्कूली छात्र


डेंगू के डंक से डरे स्कूली छात्र

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। डेंगू का डंक देश भर को भयाक्रांत किए हुए है। हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली के स्कूलों में जो माहौल दिख रहा है उससे लगने लगा है कि शाला प्रबंधन और विद्यार्थी सभी डेंगू से भयभीत हैं। डेंगू मच्छर के डंक का खौफ राजधानी के स्कूल में भी दिखने लगा है।
बहुबाजार स्थित शेरवुड स्कूल का प्रबंधन बच्चों को डेंगू से बचाने के लिए मच्छर भगानेवाली अगरबत्ती क्लास में जला रहा है।
शिक्षकों के टेबल पर भी क्वाइल रखा गया है, ताकि बच्चे डेंगू की चपेट में नहीं आ पाये। इधर, राजधानी में डेंगू के संदिग्ध मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। रिम्स में एक दर्जन से ज्यादा मरीज भरती हैं। हालांकि, कई मरीजों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है। शहर के कई अस्पतालों से डेंगू के संदिग्ध मरीज रिम्स में रेफर हो कर आ रहे हैं।
यह आलम शहर के अनेक स्कूलों में देखने को मिल रहा है। वैसे डेंगू के प्रमुख लक्षणों में ठंड लगने के साथ तेज बुखार आता है। सिर, जोड़ों, मांसपेशियों और आंखों के पिछले हिस्से में तेज दर्द होता है। मरीज को शुरुआत में तीन दिन बुखार रहता है, जो सात दिन तक हो सकता है। खून में मौजूद प्लेटलेट्स की कमी से रक्तस्नव, खून की उल्टी व काला मल होता है। शरीर के कई भाग में चकते हो जाते हैं, लेकिन हथेली व तलवे में चकते नहीं होते। हृदय तेज हो जाती है और रक्तचाप गिरने लगता है।
इसके बचाव के लिए मच्छरों से दूर रहे। मच्छरदानी लगा कर सोयें। घर के बाहर व भीतर गंदगी नहीं फैलने दें। घर में रखे पॉट, कुलर, गुलदस्ते और पुराने डिब्बों में जलजमाव नहीं होने दे। मच्छर मारने के लिए फॉगिंग की जाये।

कोई टिप्पणी नहीं: