अबलाओं की मांग का
सिंदूर पोंछ रहे गौतम थापर!
(संजीव प्रताप सिंह)
सिवनी (साई)। देश
के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाला और उद्योग जगत में देश के स्थापित
अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के
सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में स्थापित किए जाने वाले 1260 मेगावाट के पावर
प्लांट में सुरक्षा मानकों की सीधी सीधी अव्हेलना की जा रही है।
संयंत्र के सूत्रों
ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस संयंत्र में 1000 फिट उंची चिमनी के
निर्माण कार्य में अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा मजदूरों की गिरकर मौत हो चुकी है। ये
मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार के बताए जाते हैं। संयंत्र के एक जिम्मेदार कर्मचारी
ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि यहां हो रहे कामों का जिम्मा जबलपुर और
नरसिंहपुर के कांग्रेस भाजपा नेताओं के पास है, जिससे संयंत्र में
होने वाली गड़बडियों की जांच दबा दी जाती है।
बताया जाता है कि
विगत दिवस भी लगभग सौ फिट उंची चिमनी पर चढ़कर काम करने वाले 21 वर्षीय गाजियाबाद
निवासी विजय पिता चतर सिंह का संतुलन बिगड़ा और वह सीधे जमीन पर जा गिरा। बताया
जाता है कि गिरते ही उसके प्राण पखेरू उड़ चुके थे।
स्थानीय मजदूरों ने
इसकी सूचना घंसौर थाने में देने की बात कही गई किन्तु ठेकेदार द्वारा उक्त मृत
विजय को जीवित बताकर सीधे जबलपुर ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
सवाल यह उठता है कि संयंत्र के निर्माण स्थल पर संयंत्र प्रबंधन द्वारा कोई
चिकित्सक की तैनाती की गई है? अगर की गई है तो विजय के गिरने के बाद उसने
इस संबंध में अपना क्या मत दिया था?
अगर वहां किसी भी
चिकित्सक की तैनाती नहीं है तो ठेकेदार द्वारा विजय को बजाए घंसौर के प्रथमिक
स्वास्थ्य केंद्र में ले जाकर प्रथमिक उपचार कराए जाने के बजाए सीधे जबलपुर ले
जाया जाना अनेक संदेहों को जन्म देता है। इस संबंध में घंसौर पुलिस की भूमिका भी
संदिग्ध इसलिए है कि इसके पहले संयंत्र के अंदर हुई दुर्घटना में मोतों पर भी पुलिस
ने कोई कार्यवाही अब तक नहीं की है।
(क्रमशः जारी)
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