कुंभ का आगाज!
(निधि श्रीवास्तव)
इलाहाबाद (साई)।
पहले शाही स्नान के साथ ही तीर्थराज के नाम से मशहूर प्रयाग (इलाहाबाद) में गंगा, यमुना और सरस्वती
नदियों के संगम तट पर महाकुंभ शुरू हो गया। परंपरा के मुताबिक शाही स्नान में सबसे
पहले सुबह साढ़े पांच बजे महानिर्वाणी अखाड़े के संतों ने डुबकी लगाई। अखाड़ों के
स्नान का क्रम शाम साढ़े पांच बजे तक
चलेगा।
इस दौरान 13 अखाड़ों
के करीब 3 लाख साधु स्नान करेंगे। देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले में देश-विदेश से
लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि शाम तक एक करोड़ लोग संगम
तट पर डुबकी लगा सकते हैं। बताया जा रहा है कि सुबह पौने दस बजे तक ही 30 लाख
श्रद्धालु स्नान कर चुके थे।
महानिर्माणी अखाड़ा
के साथ अटल आखाड़ा और उसके बाद निरंजनी, आनंद, जूना, अवाहन, अग्नि, निर्वाणी, दिगंबर, निर्माेही, नया उदासीन, बड़ा उदासीन और
निर्मल आखाड़ा के साधुओं का स्नान होता है। कुंभ में हर आखाड़े के साधुओं के स्नान
की समय अवधि निश्चित है।
दरअसल, शाही स्नान को लेकर
अलग-अलग आखाड़े के साधु एक दूसरे से झगड़ पड़ते थे, इसलिए अंग्रेजों के
समय में ही इन आखाड़ों के स्नान का वक्त निश्चित कर दिया गया। आखाड़ों के आकार को
देखते हुए उनके स्नान की अवधि को निश्चित किया गया है। यह अवधि 30 मिनट से एक घंटे
तक की है। साधु जिस रास्ते से स्नान के लिए जाते हैं, उस रास्ते से लौटते
नहीं हैं क्योंकि दो आखाड़ों के साधुओं के बीच झड़प की आशंका बनी रहती है।
साधु-संतों के
साथ-साथ संगम तट पर आम श्रद्धालुओं का भी सैलाब उमड़ पड़ा है। आधी रात के बाद से ही
श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचने लगे थे। जैसे जैसे दिन चढ़ने लगा, संगम तट
श्रद्धालुओं से पट गया। एक करोड़ लोगों के
स्नान करने का अनुमान है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें