बुधवार, 30 जनवरी 2013

वस्तु सेवा कर पर बनी सहमति


वस्तु सेवा कर पर बनी सहमति

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। वस्तु और सेवा कर को जल्दी लागू करने की दिशा में राज्यों के बीच नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली की रूपरेखा पर व्यापक सहमति बन गई है। इसके अंतर्गत राज्यों को वस्तु और सेवा कर लागू करने के समय का फैसला करने की आजादी होगी।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि राज्यों के वित्तमंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की बैठक के दूसरे दिन राज्य सरकारों ने वस्तु और सेवा कर के ढांचे पर विचार के लिए वित्तमंत्री पी चिदंबरम द्वारा गठित समिति के अधिकतर सुझाव स्वीकार कर लिए हैं।  राज्यों के वित्तमंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भुवनेश्वर में बताया कि वस्तु और सेवा कर की केवल एक ही दर रखने की बजाए फ्लोर दर रखने पर सहमति हुई और राज्यों को अपनी दरें निर्धारित करने की आजादी होगी।
वस्तु और सेवा कर विधेयक में निपटान प्रधिकरण के विवादित मुद्दे पर मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार इस प्रावधान को हटाने पर राजी हो गई है। जिन मुद्दों पर आम सहमति नहीं बनी उन पर विचार के लिए तीन उप समितियां बनाने का फैसला किया गया है। ये उप-समितियां अंतर्राज्यीय व्यापार पर समेकित वस्तु और सेवा कर लगाने, केंद्र और राज्यों के दोहरे नियंत्रण से व्यापारियों को होने वाली समस्याओं को दूर करने और राज्यों को राजस्व की हानि से बचाने की व्यवस्था तैयार करने पर सुझाव देंगी।
उधर, वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि सरकार अगले महीने भरोसेमंद बजट पेश करेगी। विदेशों में अपने रोड शो के चौथे चरण में लंदन में दुनियाभर के निवेशकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अगले आम चुनाव से पहले कई फैसले और बदलाव लागू करेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन उपायों से भारत में विदेशी निवेश का प्रवाह बढ़ेगा।

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