शनिवार, 23 फ़रवरी 2013

मेहरा आयोग ने आड़े हाथों लिया दिल्ली पुलिस को!


मेहरा आयोग ने आड़े हाथों लिया दिल्ली पुलिस को!

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। न्यायमूर्ति ऊषा मेहरा आयोग ने दिल्ली में १६ दिसम्बर को सामूहिक दुष्कर्म की घटना के लिए दिल्ली पुलिस और नगर परिवहन विभाग की आलोचना की है। आयोग ने कहा है कि दोनों विभागों के बीच तालमेल न होने के कारण ही बार बार जुर्माने के बावजूद वो बस बेरोकटोक चलती रही, जिसमें यह घटना हुई।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि आयोग ने अपनी रिपोर्ट कल गृह मंत्रालय को सौंपी। न्यायमूर्ति मेहरा ने कल दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि इन दोनों विभागों के बीच तालमेल करने के नियम बनाए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी स्तरों पर लोगों को संवेदनशील बनने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सेन्सेटाइजशन पुलिस का हमने कहा है। हमने यह सजेस्ट किया है कि अगर पुलिस ऑफिसर सेक्सुअल हरासमेंट और रेप केस में एफआईआर नहीं रजिस्टर करता और इमिजेटली मेडिकल एक्जामिनशन विक्टिम का नहीं कराता तो उसके ऊपर पैनेल्टी डाली जाए या एक्शन लेना चाहिए।
न्यायमूर्ति मेहरा ने यह भी स्वीकार किया कि पीड़ित छात्रा और उसके दोस्त की मदद की गुहार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि संदेश मिलने के छह मिनट के भीतर ही पुलिस गाड़ी घटनास्थल पर पहुंची थी जहां से दोनों को अस्पताल ले जाया गया। कानून मंत्री अश्वनी कुमार ने कहा है कि केंद्र सरकार ऊषा मेहरा आयोग की सिफारिशों पर हरसंभव कार्रवाई करेगी।

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