शनिवार, 23 फ़रवरी 2013

बजट में पांच साल पहले शामिल हुआ था नैनपुर छिंदवाड़ा खण्ड!


0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 6

बजट में पांच साल पहले शामिल हुआ था नैनपुर छिंदवाड़ा खण्ड!

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। 2008 में एक बार फिर लालू प्रसाद यादव ने बतौर रेलमंत्री कल रेल बजट पेश किया। निसंदेह लालू ने लगातार चौथी बार बजट पेश कर वह भी यात्री किराए अथवा मालभाड़े में बढोत्तरी के बिना ही बजट पेश कर अपनी पुरानी शैली को बरकरार रखी। उन्होंने उसी दौरान अस्तित्व में आई 11वीं पंचवर्षीय योजना में मीटर गेज से ब्राड गेज के अमान परिवर्तन की बात कही और इसमें छिंदवाड़ा से नैनपुर बरास्ता सिवनी का शुमार भी किया गया था। 2008 के उपरांत आज तक इस रेल खण्ड पर काम ना होना आश्चर्य का ही विषय माना जा रहा है।
यह लालू की बजीगरी थी कि उन्होंने इस योजना का नाम भी ले लिया और सिवनी की झोली में कुछ आया भी नहीं। लालू के बजट भाषण के उपरांत सिवनी जिले में हर्ष की लहर दौड़ गई। सिवनी के वाशिंदे यह समझने लगे कि वे बड़ी रेल लाईन पर सवारी गांढने ही जा रहे हैं। वस्तुतः इस तरह की कोई भी बात समझ में नहीं आती है। पर यह संतोष की बात है कि सालों बाद कम से कम रेल बजट में इस मार्ग का नाम तो सुनने को मिला। यह योजना अमली जामा कब पहनेगी यह बात तो समय के गर्भ में ही है।
इसके लिए लालू यादव के बजट के मूल पाठ को ध्यान से पढ़ना अत्यंत आवश्यक है कि यह राजनैतिक बाजीगरी है, अथवा वाकई सिवनी को कुछ हासिल हुआ है। अपने 38 पेज के बजट भाषण में उन्होंने 39 वीं कंडिका में इन तत्यों को साफ किया है। प्रस्तुत है उसका अंश। (पाठक चाहें तो डब्लूडब्लूडब्लू डाट इंडियनरेलवेज डाक काम पर इसे पढ़ सकते हैं)
महोदय, अनेक मार्गाे का आधा अधूरा अमान परिवर्तन होने के कारण बाकी बची मीटर एवं छोटी लाईने द्वीप की तरह बन गई हैं। प्रमुख नेटवर्क से अलग थलग पड़ जाने के कारण इन लाईनों से रेल्वे को एक प्रतिशत से भी कम फ्रेट प्राप्त होता है, जबकि ये कुल नेटवर्क के 20 प्रतिशत से भी अलग हैं। फलस्वरूप रेल्वे को हजारों करोड़ रूपयों का सालाना घाटा हो रहा है। यहां तक कि इन लाईनों पर माल परिवहन भी घाटे का सौदा बन गया है। अतः 11वीं परियोजना के अंत तक अधिकांश मीटर लाईन को बड़ी लाईन मंे बदलने का कार्य पूरा करने का हम हर संभव प्रयास करेंगे।
एसी योजनाओं को स्वीकृति और क्रियान्वयन में प्राथमिकता दी जाएगी जो व्यस्त नेटवर्क के वेकल्पिक मार्ग उपलब्ध करवाएंगी, जिसमें उदयपुर अहमदाबाद, लखनउ शाहजहांपुर, ढासा जेसलमेर, जयपुर झुंझून, रतलाम खंडवा अकोला, नैनपुर छिंदवाड़ा, अहमदाबाद बोताड़ प्रमुख हैं। एसी योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित किया जाएगा जिसमें कुल लागत का पचास फीसदी खर्च राज्य सरकारें वहन करने के लिए तैयार हों।
इसके बाद ममता बनर्जी ने रेल मंत्री रहते रामटेक गोटेगांव का जिकर अपने बजट भाषण में कर सिवनी वासियों का सीना 36 इंच का कर दिया। पर ममता के बाद दिनेश त्रिवेदी, मुकुल राय और अब पवन बंसल रेल मंत्री हैं पर सिवनी में ब्राडगेज का सपना अंत में सपना ही रह गया है।
इस तरह लालू यादव और ममता बनर्जी ने सांप भी मार दिया और लाठी भी नहीं टूटने दी। मध्य प्रदेश के हिसाब से अगर देखा जाए तो अब उन्होंने सारा दारोमदार भाजपा के उपर ही छोड़ दिया है, कि अगर नैनपुर से छिंदवाड़ा रेल लाईन का अमान परिवर्तन करवाना है, तो इसमें व्यय होने वाली राशि का पचास फीसदी भार उठाने के लिए मध्य प्रदेश की शिवराज चौहान के नेतृत्व वाली सरकार तैयार हो। लालू ने किसके कहने पर इस तरह से बाल उठाकर शिवराज सिंह चौहान के कोर्ट में फेंक दी यह तो शोध का ही विषय है पर इसके बाद यह योजना केंद्र और राज्य के बीच आज तक झूल भैया झूल, तेरी टोपी में फूलकी तर्ज पर ही चल रही है।
आज जिले की जनता भाजपा की तत्कालीन सांसद रहीं वर्तमान विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, वर्तमान सांसद के.डी.देशमुख, बसोरी सिंह मसराम, विधायक हरवंश सिंह ठाकुर, कमल मस्कोले, शशि ठाकुर आदि से पूछना चाह रही है कि 2006 से अब तक लगातार हर साल ब्राडगेज के विज्ञापन छपवाकर क्यों छला जा रहा है जनता को! सात सालों में नेरोगेज को ब्राडगेज में तब्दील आखिर क्यों नहीं किया जा सका है।

(क्रमशः जारी)

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