शुक्रवार, 1 मार्च 2013

मेरठ : शतायु बैठे धरने पर


शतायु बैठे धरने पर

(सचिन धीमान)

मेरठ (साई)। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का अधिकार धरना दिन प्रतिदिन जोर पकडता जा रहा है। मांगों को लेकर चल रहे इस आंदोलन में जहां युवा किसान बढ चढकर हिस्सा ले रहे है वहीं दूसरी ओर सौ वर्ष से भी अधिक आयु के सैंकडों से ज्यादा वृद्ध धरने को सफल बनाने में जुटे हुए है। वहीं दूसरी ओर फौज से रिटायर्ड एक 102 वर्षीय वृद्ध हवलदार ने आंदोलन चलने तक ठंड इस के मौसम में ही धरना स्थल पर ही रहने का ऐलान करते हुए मांगे पूरी न होने पर धरना स्थल पर ही अपना बलिदान देने की घोषणा कर दी।
उल्लेखनीय है कि विगत मंगलवार से मेरठ कमीशनरी पार्क में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय संयोजक सरदार वीएम सिंह के नेतृत्व में बकाया गन्ना मूल्य एवं वर्ष 2009-10 व 2010-11 व 2011-12 तक का ब्याज 15 फीसदी ब्याज तथा अन्य मांगों के समर्थन में अधिकार धरना चल रहा है। किसानों के आंदोलन के तीसरे दिन कमीशनरी मैदान युवा किसानों सहित सैंकडों से ज्यादा वृद्ध किसानों की टोपियों व पगडियों से भरा दिखाई दे रहा है। वृद्ध किसान भी अपनी मांगों को लेकर मांगे पूरी न हाने तक कमीशनरी मैदान न छोडने पर डट गये है। वहीं किसानों को सम्बोधित करते हुए जनपद हापुड का रहने वाला 102 वर्षीय चौ। रूमाल सिंह वर्ष 1950 में फौज से हवलदार के पद से रिटायर्ड होने के बाद किसानों की आवाज उठाने के लिए आंदोलन में कूद पडा था। अब तक रूमाल सिंह विभिन्न आंदोलनों में 25 बार जेल जा चुका है। अधिकार धरने पर भी किसानों के आंदोलन को सफल बनाने में कमीशनरी पार्क में पहुंच गया। रूमाल सिंह ने कहा कि जब तक सरकार किसानों की मांगों को पूरा नहीं करती तब तक वह धरना स्थल पर ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मांग पूरी नहीं करती और कोर्ट के आदेश को लागू नहीं कराती तो वह किसानों के इस आंदोलन मेे कमीशनरी पार्क में ही अपना बलिदान दे देंगे। चौ। रूमाल सिंह की इस घोषणा के बाद धरना स्थल पर मौजूद सैंकडों सौ वर्ष से अधिक आयु के वृद्धों ने धरना स्थल पर इस बात को दोहराया और कहा कि वह किसानों की मांगे पूरी होने पर अपना बलियान दे देंगे। धरने पर 104 वर्ष के वृद्ध भी पहुंच रहे है।

कोई टिप्पणी नहीं: