शुक्रवार, 1 मार्च 2013

सिवनी : कौन हैं कैंसर के संवाहक दलाल!


कौन हैं कैंसर के संवाहक दलाल!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल 2012 से तंबाकू के गुटखा पाउच की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध वास्तव में कैंसर रोधी टीके की तरह है, लेकिन इस टीके को लगाने में काफी देर हो चुकी है। प्रदेश के साथ ही साथ सिवनी जिले में तम्बाकू गुटखा के पाउच की बिक्री और उत्पादन पर लगे प्रतिबंध के बाद इनका बाजार और भी गर्म हो गया है, जो पाउच सामान्यतः एक रूपए में बिका करते थे वे अब ढ़ाई से तीन रूपए में बिकने लगे।
इस तरह अन्य पाउच की कीमत में भी लगभग दोगुनी वृद्धि हो गई। दुकानदारों के अलावा उपभोक्ताओं ने भी इसे अधिक मात्रा में लेकर रख लिया। दुकानदार ब्लैक में बेच मुनाफा कमाना चाह रहे हैं तो इसके शौकीन कुछ और दिन की जुगाड़ जमा रहे हैं। वहीं नगर में गत दिवस राजश्री से भरा एक बोरा भी पकड़ाया था, किंतु इस मामले के बाद भी खाद्य एवं औषधि विभाग ने दुकानों में जांच शुरू नहीं की है।
बाजार में माल की कमी का फायदा दुकानदार इसके शौकिनों से मोटी राशि वसूलकर उठा रहे हैं। नाम न बताने की शर्त पर सिवनी के एक व्यापारी ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इसकी कीमत में करीब दोगुना वृद्धि हुई है। 1 रूपए वाला पाउच दो से ढ़ाई, 2 रूपए वाला पाउच 3 से 4 और 5 रूपए वाला पाउच 7 से 10 रूपए में बिकने लगा है।
तम्बाकू गुटखा पाउच विक्रेता बताते हैं कि कई लोगों ने पहले ही अधिक मात्रा में पाउच ले लिए हैं। वहीं कई व्यापारियों ने नियमों के डर से खुद ही इसकी बिक्री बंद कर दी। कुछ ग्राहक ऐसे भी आए जो ब्लैक में इसे लेने की बात कह रहते हैं। पर माल नहीं होने से बिक्री कैसे की जाए।शिवराज सिंह चौहान सरकार ने तम्बाकू युक्त गुटखों के उत्पादन और बिक्री पर कुछ माह पूर्व पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध से भले ही इस प्रदेश में गुटखों का उत्पादन बंद हो गया हो, लेकिन बिक्री पर अभी भी रोक नहीं लग पाई है और न जाने कहां से ये गुटखा पाऊच आ रहे है?
एक दर्जन गुटखा उत्पादों की थोक और फुटकर बिक्री छोटी,बड़ी दुकानों से सरेआम हो रही है और इनमें कुछ ऐसे उत्पाद भी हैं जिनमें पंजीयन तिथि और संख्या का उल्लेख नहीं है। हां, वैधानिक चेतावनी तम्बाकू जानलेवा है जरूर अंकित है। पाउच पर मूल्य एक रुपया दर्ज है, पर दुकानदार इसे कुछ शेष स्थानों पर दो रुपये में तो कुछ स्थानों पर तीन रुपये में भी बेच रहे हैं।
बताया जाता है कि गत दिवस एक पुलिसकर्मी जो कि होमगार्ड के सिपाही हैं और ये कई वर्षाे से सिवनी थाने में पदस्थ हैं, उन्होंने उक्त राजश्री के बोरे को पकड़कर अपने सेंट्रल स्कॉड के मित्रों को इसकी जानकारी दी। तत्पश्चात सेटं्रल स्कॉड के लोग वहां पहुंचे और यह कहते हुए पाये गये कि यह माल अपना है, जाने दो. . . लेकिन बताया जाता है कि इसकी जानकारी किसी ने दूरभाष द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक को दे दी और पूरा मामला सेटिंग की जगह थाने पहुंच गया। यदि दूरभाष पर एसपी साहब को सूचना न दी जाती तो हर बार की तरह इस बार भी यह राजश्री का बोरा पूरी सेटिंग के साथ बाजार में उतर जाता। 

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