शुक्रवार, 8 मार्च 2013

महिला दिवस पर हो रहे अनेक आयोजन


महिला दिवस पर हो रहे अनेक आयोजन

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। इस अवसर पर दुनिया भर में कई समारोह आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें महिलाओं की आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों को रेखांकित किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र ने इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का केन्द्रीय विषय महिलाओं के खिलाफ हिंसा समाप्त करने का समय दिया है।
महिला दिवस की पूर्व संध्या पर शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक संदेश में कहा कि आठ मार्च का दिन हमारे लिए महिलाओं की सुरक्षा एवं संरक्षा सुनिश्चित करने में खुद को समर्पित करने का मौका है। राष्ट्रपति आज शाम वर्ष २०१२ के स्त्री शक्ति पुरस्कार प्रदान करेंगे।
आज ही दिल्ली में १६ दिसंबर को सामूहिक दुष्कर्म की पीड़ित छात्रा को मरोणोपरांत स्त्री शक्ति पुरस्कार दिया जाएगा। इस छात्रा के साहस और शक्ति के प्रति सम्मान के रूप में आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार दिया जाएगा। महिला और बाल कल्याण मंत्रालय का मानना है कि पीड़ित छात्रा निर्भया के साहस को सम्मान देने के लिये देश की उल्लेखनीय महिलाओं को हर साल स्त्री शक्ति पुरस्कार दिया जाना चाहिये । राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज निर्भया के परिवार को यह पुरस्कार प्रदान करेंगे।
जयपुर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से शैलेन्द्र ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज राजस्थान में महिलाओं को राज्य सड़क परिवहन की सभी बसों में निःशुल्क यात्रा की छूट दी गई है। महिलाएं वॉल्वो सेवाओं सहित सभी श्रेणियों में निःशुल्क यात्रा कर सकेंगी।
वहीं भुवनेश्वर से साई ब्यूरो एस.के.शर्मा ने बताया कि ओड़िसा सरकार ने भी महिलाओं के लिए भुवनेश्वर और कटक के बीच विशेष बस सेवा शुरू की है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि केन्द्र महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए जिला स्तर पर सौ से ज्यादा संकट समाधान केन्द्र बना रहा है।
देश के हृदय प्रदेश से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से नंद किशोर ने बताया कि मध्य प्रदेश में बुंलेदखंड के पन्ना जिले में दूरदराज के गांवों में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने अपने लिए जोखिम सुरक्षा कोष स्थापित किया है। सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि इस कोष का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा और बीमा उपलब्ध कराना है।
जिले में पांच हजार महिलाएं जोखिम सुरक्षा फंड से जुड़ चुकी हैं। ये महिलाएं जिला निर्धनता उन्नमूलन परियोजना के सब सहायता समूहों और ग्राम प्रधान समितियों की सदस्य हैं। अभी तक इस फंड में १५ लाख रुपए जमा हो चुके हैं। महिलाओं की इस अभिनव और सामूहिक पहल को साकार रूप देने के लिए जिला स्तर पर कार्यकारिणी समिति गठित की गई है। इसके तहत प्रावधान किया गया है कि सदस्य महिला के पति की मृत्यु होने पर तत्काल पांच लाख रुपए की राशि अंतिम संस्कार के लिए दी जाएगी। वहीं महिला को दस हजार रुपए का ऋण वापसी की शर्त पर दिया जाता है।

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