आबकारी विभाग व शराब
माफियाओं की जुगलबंदी
(सचिन धीमान)
मुजफ्फरनगर (साई)।
मायावती के राज में शराब माफिया पोंटी चड्ढा को पूरे प्रदेश के ठेके आवंटित किये
गये थे। उस समय जमकर ओवर रेट शराब खरीदने वालों से वसूला जाता था। बाद में सपा
सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ओवर रेट पर रोक लगाने की बात कही
थी। अगले एक साल के लिए पूरे प्रदेश के शराब के ठेके दोबारा चड्ढा गु्रप को दिये
गये हैं। एक अप्रैल से नगर में शराब के ठेकों पर जमकर ओवर रेट वसूला जा रहा है।
इसके साथ ही आबकारी विभाग द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष मंे जारी किया गया शराब का
कोटा इस साल भी नये रेट के साथ ओवर रेट लेकर बेचा जा रहा है। इस मामले में आबकारी
विभाग चुप्पी साधे बैठा है क्यांेकि चांदी का जूता सिर चढ़कर बोल रहा है। आबकारी
विभाग व शराब माफियाओं की जुगलबंदी के चलते शराब उपभोक्ता त्रस्त हैं। पुराने
प्रिंट रेट की शराब अगले सीजन में बेचना कानूनन अपराध है क्योंकि यदि शराब का
मूल्य बढ़ता है तो पुराने प्रिंट रेटों के स्थान पर आबकारी विभाग द्वारा नये
प्र्रिंट रेट की स्लिप चस्पा कराई जाती है तभी वह शराब बिक सकती है। लेकिन सपा
सरकार तथा आबकारी विभाग की धींगामस्ती के चलते शराब माफिया जमकर उपभोक्ताआंे का
शोषण कर रहे हैं।
करीब चार साल पहले
मुख्यमंत्री मायावती ने पूरे प्रदेश के शराब के ठेके पोंटी चड्ढा ग्रुप को आवंटित
कर दिये थे और चड्ढा ग्रुप ने शराब के रेटों में भारी बढ़ोत्तरी के साथ ही ओवर रेट
भी जमकर वसूला था। शराब की एक बोतल पर प्रिंट रेट से चालीस रूपये ज्यादा वसूले जा
रहे थे। बाद में विधानसभा चुनावों के प्रचार में अखिलेश यादव ने शराब पीने वालों
से वायदा किया था कि शाम की दवाई सस्ती होगी लेकिन सपा सरकार आते ही हुआ इसके
बिल्कुल विपरीत। चड्ढ़ा ग्रुप की घुट्टी के आगे सपा सरकार भी बौनी साबित हुई ओवर
रेट तो ज्यों का त्यों रहा ही। एक अप्रैल 2013 से अगले एक वर्ष के लिए प्रदेश के
सभी ठेके चड्ढ़ा ग्रुप को दोबारा आवंटित कर दिये गये। एक अप्रैल 2013 से शराब व
बीयर के रेटों में वृद्धि भी कर दी गई। लेकिन मजे की बात यह है कि जिले में आबकारी
विभाग की मिलीभगत के चलते शराब की दुकानों पर पिछले वर्ष आवंटित किया गया शराब का
कोटा इस वित्तीय वर्ष मंे भी नये दामों व ओवर रेट पर बेचा जा रहा है। यदि कोई शराब
उपभोक्ता ओवर रेट देने का विरोध करता है तो शराब के ठेकों पर मौजूद सेल्समैन गाली
गलौच के साथ मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। नगर में प्रकाश चौक, महावीर चौक, नावल्टी चौक, अलमासपुर तिराहे, रेलवे रोड व
द्वारकापुरी मोड़ पर स्थित शराब व बीयर की दुकानों पर गुंडे सेल्समैन तैनात कर दिये
गये हैं जो पिछले साल का शराब व बीयर का कोटा उपभोक्ताओं को नये मूल्य व ओवर रेट
लेकर दे रहे हैं। ऐसे में शराब उपभोक्ताओं का जमकर शोषण शराब के ठेकों पर किया जा
रहा है।
शराब व बीयर की
दुकानों पर नई रेट लिस्ट चस्पा कर दी गई है लेकिन पुराने शराब उपभोक्ताओं को जो
शराब की बोतलें, हॉफ व
र्क्वाटर या बीयर दी जा रही हैं उन पर पुराने रेट ही अंकित हैं। साथ ही ओवर रेट का
एक और झटका शराब उपभोक्ता को झेलना पड़ रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में प्रदेश में
ग्रीन लेबिल का क्वार्टर सौ रूपये का था। इस बार नई रेट लिस्ट के अनुसार ग्रीन
लेबिल का क्वार्टर एक सौ दस रूपये का कर दिया गया है लेकिन सौ रूपये प्रिंट रेट
वाला ग्रीन लेबिल का क्वार्टर ओवर रेट सहित उपभोक्ता को दिया जा रहा है। इसी तरह
मैक्डोवल नं. वन, इम्पीरियल
ब्लू, बैगपाइपर, सिग्नेचर, रॉयल चेलेंज, रॉयल स्टैग के
क्वार्टर, हॉफ व
बोतलों पर दस से लेकर पचास रूपये तक ओवर रेट आबकारी विभाग की मिलीभगत के चलते वसूला
जा रहा है। ओवर रेट को लेकर शराब की दुकानों पर सेल्समैन अक्सर शराब उपभोक्ताओं के
साथ मारपीट करते हैं। आबकारी विभाग चांदी के जूते की हनक के सामने मौन बना हुआ है।
आबकारी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी ओवर रेट वसूलने पर कार्रवाई की बात तो कहते
हैं लेकिन चड्ढ़ा गु्रप के आगे नतमस्तक हो चुके हैं। पिछले कई सालों से जनपद में
जमे जिला आबकारी अधिकारी को यह जिला ऐसा रास आ रहा है कि वे अपनी कुर्सी से चिपके
बैठे हैं। होली से दो चार दिन पहले एक दो जगह छापामारी कर दूसरे प्रान्तों से लाई
गई अवैध शराब की बरामदगी दिखाकर वाहवाही लूटने में लगे आबकारी अधिकारी पुराने
पिं्रट की शराब की बोतलें नये प्रिंट रेट सहित ओवर रेट पर बिकवा रहे हैं। डीएम
सुरेन्द्र सिंह इस मामले में आबकारी अधिकारियों का पेंच कब कसेंगे यह चर्चा का
विषय बना हुआ है।
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